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दुर्व्यसनों के नशासुर के अंत से मनाएगा गायत्री परिवार दशहरा और दीवाली

 


हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परमपूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा आरंभ की गयी सप्तक्रांतियों में से एक प्रमुख आंदोलनों के रूप में दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन-सत्प्रवृत्ति संवर्धन के अंतर्गत अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलबाला पण्ड्या जी के मार्गदर्शन में गायत्री परिजनों द्वारा पहले से किए जा रहे प्रेरणादायी कार्य की दिशा में दु्रतगति लाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी द्वारा एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आओ बनाऐं व्यसनमुक्त भारत’ का नवरात्र की नवमी तिथि किो अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के पावन प्रांगण में विधिवत शुभारंभ किया गया। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्तागणों यथा जोन प्रभारी आदरणीय डॉ. ओम प्रकाश शर्मा जी समेत सभी समन्वयक, शक्तिपीठ प्रभारी, कार्यक्रम प्रभारी की गरिमामयी उपस्थिति में व साथ ही देश-विदेश से लगभग 5000 से भी अधिक संख्या में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े परिजनों की उपस्थिति में यह वृहद् कार्यक्रम संपन्न हुआ। व्यसन में लगी भारतीय यौवन की ऊर्जा को सृजन में नियोजित करने हेतु इस राष्ट्रव्यापी अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर विधिवत रूप से प्रतिष्ठित करने के लिए डॉ. प्रणव पण्ड्याएवं श्रद्धेया शैलबाला पण्ड्या जी ने अपनी शुभकामनाऐं दीं। देश के नवनिर्माण हेतु इस अति-महत्त्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ करते हुए डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि-गौरवशाली युवा नेतृत्व एवं विश्व को आध्यात्मिक प्रकाश देने वाला देश भारत, वर्तमान समय में दुर्व्यसनों की आँधी में जा फँसा है। नशा सामाजिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टियों से निषिद्ध वस्तुओं में है। नशा करना एक ऐसी बीमारी है जिसे करता तो एक व्यक्ति है पर उसकी सजा सारा समाज भुगतता है। नशे का यह घातक दुर्व्यसन एक ऐसी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है कि यदि समय रहते इस विषमता का, विकृति का निराकरण न किया गया तो देश का भविष्य एक ऐसे अंधकारमय गर्त में जा कर गिरेगा जहाँ से उभर पाना संभव न हो सकेगा। इसलिए इस बार दुर्व्यसनों के नशासुर के अंत से मनाएगा गायत्री परिवार दशहरा और दीवाली।  उन्होंने आगे कहा कि-इस समस्या की विषमता एवं व्यापक दुष्प्रभाव को परमपूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने सबसे पहले अनुभव किया था और गायत्री परिवार की सप्तक्रांतियों में से एक प्रमुख आंदोलनों के रूप में दुष्प्रवृत्ति उन्मूलन-सत्प्रवृत्ति संवर्धन को लिया। उनसे प्रेरणा पा कर लाखों लोगों ने अपने जीवन की दिशा को बदला एवं सदा-सर्वदा के लिए इन दुष्प्रवृत्तियों की गिरफ्त से स्वयं को मुक्त कराया। इस कार्यक्रम के दौरान आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने सभी आस्थावान परिजनों से ये विनम्र आग्रह किया कि- इस दिशा में जो प्रेरणादायी कार्य उनके द्वारा पहले से किए जा रहे हैं, इसी ईमेल पर संपर्क करने से इस अभियान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश, प्रशिक्षण निर्देशिका, एक पावरपॉइंट प्रस्तुतिकरण की प्रति, व्यसन छोड़ने हेतु संकल्प-पत्र का स्वरूप, सृजन-संकल्प हेतु ‘सत्प्रवृत्ति संवर्धन संस्कार’ का प्रारूप भी प्राप्त किए जा सकते हैं। पूज्य गुरुदेव द्वारा इस हेतु लिखे गए सद्वाक्यों को एवं उनके साहित्य के सेट को तथा स्टीकर्स को भी इसी माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।आवाहन के स्वर में डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने बड़ी संख्या में जुड़े परिजनों से कहा कि- ‘आओ बनाऐं व्यसनमुक्त भारत’ अभियान आज के समय की एक ऐसी आवश्यकता है जिसमें भागीदारी हर गायत्री परिजन का, हर जिम्मेदार नागरिक का दायित्व बन जाता है। सभी परिजनों-केंद्रो-शाखाओं-प्रज्ञा संस्थानों से ये भावभरा आग्रह है कि इसका अंग बनते ही जन-जागरण यात्राओं, सभाओं, संकल्पपूर्ति अभियानों, कार्यशालाओं को त्वरित रूप से आरंभ कर दें और जो पहले से करते आ रहे हों- वे उन्हें और गति देने का दायित्व अपने कुशल हाथों में ले लें। देश के नवनिर्माण का यज्ञ आरंभ हो चुका है और इस पवित्र तपोनुष्ठान में हर गायत्री परिजन की आहुति निश्चित रूप से डलनी चाहिए। विदित हों कि आज से ठीक एक महीने पहले दिनाँक- 22 सितम्बर 2023 को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में डॉ. वीरेन्द्र कुमार जी, माननीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार से आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी की गरिमामयी उपस्थिति में समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, भारत सरकार एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया जा चुका है।


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