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शांतिकुंज से देशव्यापी व्यसन मुक्ति रैली का शुभारंभ

शांतिकुंज परिवार ने दशहरा को दुर्व्यसनों के नशासुर का अंत हो के संकल्प के साथ मनाया


 हरिद्वार। गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी के निर्देशन में देशभर में फैले प्रज्ञा संस्थानों ने व्यसन मुक्ति रैली निकाली। विजयादशमी पर्व के अवसर पर रावण, कुंभकरण के पुतले जलाने के साथ ही दुर्व्यसनों को जड़ से निकाल फेंकने का आवाहन किया। शांतिकुंज में सैकड़ों पीतवस्त्रधारी भाई बहिनों ने हाथ में व्यसन मुक्ति के विभिन्न नारे की पट्टी के साथ गेट नंबर तीन से व्यसन मुक्ति रैली का शुभारंभ किया। यह रैली निकटवर्ती कई क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करते हुए युगऋषिद्वय की पावन समाधि पहुंची, जहां लोगों को अपने-अपने परिवार संबंधी,दोस्तों सहित परिचितों को दुर्व्यसनों से दूर रहने के लिए संकल्पित कराये गये,वहीं नशा मुक्त भारत बनाने की दिशा में सार्थक पहल करने की शपथ दिलाई गयी। इसके साथ ही देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार ने महाकाल मंदिर से व्यसन मुक्ति रैली की शुरुआत की। युवापीढ़ी को दुर्व्यसनों से दूर करने के लिए आवाहन किया गया। इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से व्यसन से मुक्ति हेतु प्रेरित किया गया। अपने संदेश में युवा आइकान व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि गौरवशाली युवा नेतृत्व एवं विश्व को आध्यात्मिक प्रकाश देने वाला देश भारत, वर्तमान समय में दुर्व्यसनों की आँधी में जा फँसा है। नशा सामाजिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टियों से निषिद्ध वस्तुओं में है। नशा करना एक ऐसी बीमारी है जिसे करता तो एक व्यक्ति है,पर उसकी सजा सारा समाज भुगतता है। नशे का यह घातक दुर्व्यसन एक ऐसी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है कि यदि समय रहते इस विषमता का,विकृति का निराकरण न किया गया,तो देश का भविष्य एक ऐसे अंधकारमय गर्त में जा कर गिरेगा। जहाँ से उभर पाना संभव न हो सकेगा। गायत्री परिवार दशहरा-दीवाली को दुर्व्यसनों के नशासुर के अंत हो के संकल्प के साथ मनाएगा। श्याम बिहारी दुबे ने कहा कि नशा मुक्त भारत बनाने के लिए अधिक से अधिक जन आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सैकड़ों पीत वस्त्रधारी भाई बहिन एवं युवा उपस्थित रहे। ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर वर्चुअल मीटिंग हुई। जिसमें देशभर के चयनित कार्यकर्त्ताओं के साथ शांतिकुंज के विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया था और सभी को व्यसनों से मुक्ति हेतु चलाये जाने वाले अभियानों की जानकारी दी गयी थी।


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