हरिद्वार। थाना सिडकुल क्षेत्र में एक प्रेमी युगल के फांसी के फंदे पर झुलकर अपनी जान दे दी। प्रेमिका ने अपनी बहन के घर में तो प्रेमी ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाई। पुलिस की पूछताछ में मृतका के परिजनों ने चुप्पी साथ रखी है जबकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सिडकुल थाना प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी के अनुसार शनिवार सुबह रावली महदूद के मुल्कीराज नगर में एक व्यक्ति के फांसी लगा लेने की सूचना मिली, सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जानकारी ली। मृतका की पहचान शिल्पी 19वर्ष निवासी गांव पर्दा सिकंदरपुर थाना रोजा जिला शाहजहांपुर यूपी के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार मृतका सिडकुल के एक औद्योगिक इकाई में कार्यरत थी। शनिवार सुबह वह अपनी बहन के घर पहुंची थी, इस दौरान उसकी बहन जब किसी काम से बाहर गई तब उसने चुन्नी के फंदे से पंखे के सहारे फॉसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बहन के घर वापस लौटने पर इसकी जानकारी हो पाई। मृतका बहन के घर से कुछ दूरी पर अपने परिजन के साथ रह रही थी। बताया जा रहा है कि मौके पर पहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शाम के वक्त फिर से उसी क्षेत्र मुल्की नगर में युवक के फांसी लगाने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस जब मौके पर पहुंची तहकीकात करने पर मृतक की पहचान विकास पुत्र रामसेवक निवासी अयोध्यापुरी लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश हाल निवासी मुल्की नगर के रूप में हुई है। घटनास्थल की तलाशी लेने पर युवक के कमरे से कुछ घंटे पूर्व आत्महत्या करने वाली युवती शिल्पी के बैंक पासबुक भी बरामद हुई। थाना प्रभारी के अनुसार आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर सामने आया की युवती और युवक के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। संभवत प्रेम प्रसंग में असफल होने पर युवक ने आत्म हत्या कर ली है। परिजन ने बताया कि युगल के बीच प्रेम प्रसंग कब से चल रहा था इसकी जानकारी नहीं है। उनके आत्महत्या करने की भी वजह स्पष्ट नहीं आई है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए है।ं
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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