Skip to main content

देसंविवि में दक्षिण भारतीय कार्यकर्त्ता सम्मेलन का आयोजन

हवन केवल वैदिक कर्मकाण्ड ही नहीं, प्राणरक्षक भी हैः त्रिदण्डी स्वामी

भटके हुए मनुष्य को सही राह दिखाना है: डॉ. चिन्मय पण्ड्या


 हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में दक्षिण भारतीय कार्यकर्ताओं का एक विशेष सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में आन्ध्रप्रदेश एवं तेलंगाना राज्य के प्रबुद्धजन वर्ग एवं गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्तागण मौजूद रहे। सम्मेलन का शुभारंभ रामानुज संप्रदाय के आध्यात्मिक प्रमुख त्रिदण्डी श्रीमन्ननारायण रामानुज चिन्नाजीयर स्वामी,देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या एवं उत्तराखण्ड सरकार के सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी.पुरुषोत्तम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि त्रिदण्डी श्रीमन्ननारायण रामानुज चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि हवन केवल वैदिक कर्मकाण्ड ही नहीं है, वरन् यह प्राणरक्षक भी है। १९८३ में भोपाल में हुआ गैस काण्ड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। स्वामी जी ने कोरोना काल में बचाव के लिए हुए विभिन्न कार्यों में जड़ी बूटियों द्वारा किये गये हवन को प्रमुख बताया। स्वामी जी ने कहा कि हमारी प्राचीन विधा में बहुत ताकत है। इसका सभी को पालन करना चाहिए। गायत्री परिवार इस दिशा में सार्थक पहल कर रहा है। स्वामी जी ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। नर सेवा-नारायण सेवा और जनसेवा ही जनार्दन सेवा है। परंतु मानव का अर्थ मात्र मानव तक न रखकर संपूर्ण सृष्टि रखना चाहिए। इसके साथ ही स्वामी जी महाराज ने बौद्धिक, आत्मिक व आध्यात्मिक विकास के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी देते हुए देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि शांतिकुंज का उद्देश्य मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण है। इसी उद्देश्य को लेकर शांतिकुंज आगे बढ़ रहा है। यहाँ मानव में भावनात्मक परिवर्तन के साथ में उनमें वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः के भाव को समाहित करने का पुरुषार्थ किया जाता है। उन्होंने कहा कि सन् २०२६ गायत्री परिवार की जननी माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष है। जन्मशताब्दी वर्ष के अंतर्गत व्यक्ति के व्यक्तित्व का नवनिर्माण तथा चिंतन में सकारात्मक परिवर्तन हो,इस हेतु विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। प्रतिकुलपति ने भटके मनुष्य को सही राह दिखाने के लिए संकल्पित हो रचनात्मक कार्य करने के लिए र्प्रेरित किया। वरिष्ठ आईएएस डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि गायत्री परिवार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बहुत ही अनुकरणीय कार्य किया है। साथ ही उन्होंने राज्य के विकास में किये गये अपने कार्यानुभवों को साझा किया। मुख्य अतिथि आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी जी, विशिष्ट अतिथि डॉ.पुरुषोत्तम एवं प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं मंचासीन अतिथियों ने अखण्ड ज्योति पत्रिका (दक्षिण भारतीय भाषाओं में) प्रज्ञागीतों आदि का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति ने आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी जी,डॉ.पुरुषोत्तम को युग साहित्य,गंगाजली एवं देसंविवि के प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। वहीं स्वामी जी ने डॉ.चिन्मय पण्ड्या,डॉ.पुरुषोत्तम एवं डॉ. ओपी शर्मा का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सम्मेलन का मंच संचालन डॉ गोपाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम समापन के पश्चात त्रिदंडी स्वामी ने विवि के विभिन्न प्रकल्पों का निरीक्षण किया। इससे पूर्व संगीत टीम द्वारा गायत्री महामंत्र का विभिन्न रागों में संकीर्तन की गयी। संकीर्तन में उपस्थित लोगों ने आनंदित हो झूमने लगे। इस अवसर पर दक्षिण भारत से आए प्रतिनिधि,रामानुज संप्रदाय अनेक संत,डॉ.ओपी शर्मा,कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित देसंविवि व शांतिकुुंज परिवार के अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।