हरिद्वार। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को विकास भवन सभागार में आगामी 30 नवम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा किये जाने वाले विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने एक-एक करके लोक निर्माण,पेयजल निगम,जल संस्थान,अमृत योजना,जल जीवन मिशन, परियोजना प्रबन्धक निर्माण ईकाई, ग्रामीण निर्माण विभाग आदि से राज्य योजना,केन्द्र पोषित योजना तथा बाह्य सहायतित योजना के अन्तर्गत उनके विभागों में कौन-कौन सी योजनायें, जो पूर्ण हो चुकी हैं,उनका लोकार्पण तथा कौन-कौन सी ऐसी योजनायें हैं,जिनका शिलान्यास होना है,के सम्बन्ध में विस्तार से अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की राज्य योजना,केन्द्र पोषित योजना तथा बाह्य सहायतित योजना के अन्तर्गत जिन योजनाओं का लोकर्पण तथा शिलान्यास होना है,के सम्बन्ध में एक-एक करके जानकारी दी। इस प्रकार बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आगामी 30 नवम्बर को 387.85 करोड़ की लागत के 54योजनाओं का लोकार्पण तथा 776.43करोड़ की लागत के 19 योजनाओं का शिलान्यास किया जा सकता है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन,जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश,डीईएसटीओ श्रीमती नलिनी ध्यानी,डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह,मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी,मुख्य उद्यान अधिकारी ओम प्रकाश,जिला समाज कल्याण अधिकारी टी0आर0 मलेठा,प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया,अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुभाष शाक्य,अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू,अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान मदन सेन,अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई विष्णुदत्त वेंजवाल,अधिशासी अभियनता पेयजल निगम सी0पी0एस0 गंगवार,अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड रूड़की पी0एस0 नौटियाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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