देहरादून। राज्य सरकार द्वारा समग्र शिक्षा परियोजना के तहत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) व संकुल रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के रिक्त पदों को भरने के लिये शैक्षिक योग्यता निर्धारित कर दी गई है। विद्यालयी शिक्षा विभाग अब राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में पिछले लम्बे समय से रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरेगा, जिसमें 10 फीसदी पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी मौका दिया जायेगा। सूबे में शैक्षिक गतिविधियों में सुधार लाने के दृष्टिगत राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत पिछले चार वर्षों से रिक्त चल रहे बीआरपी-सीआरपी के पदों के लिये शैक्षिक योग्यता तय कर दी है। बीआरपी-सीआरपी पदों पर नियुक्ति में सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी मौका दिया जा रहा है। सरकार ने इनके लिये 10फीसदी पद आरक्षित किये हैं। इससे पूर्व इन पदों पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक तैनात किये थे जिस कारण प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा था। जिसको देखते हुये विभागीय मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने सीआरपी-बीआरपी के पदों को आउटसोर्स से भरने का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट में रखा। जिसको कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने भर्ती के मानक भी तय कर दिये हैं।सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन द्वारा राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि ब्लॉक संदर्भ व्यक्ति (बीआरपी) हिन्दी पद हेतु विधि द्वारा स्थापित मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हिन्दी विषय में 55फीसदी अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा स्नातक स्तर पर हिन्दी एवं संस्कृत मुख्य विषय के साथ 55फीसदी अंकों के साथ स्नातक उपाधिधारक पात्र होगा। इसी प्रकार बीआरपी अंग्रेजी के लिये अंग्रेजी में 55फीसदी अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा स्नातक स्तर पर अंग्रेजी मुख्य विषय के रूप में 55प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक उपाधि होनी अनिवार्य है। बीआरपी विज्ञान के लिये भौतिकी,रसायन,जन्तु विज्ञान,वनस्पति विज्ञान में से किसी एक में 55फीसदी अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा भौतिकी, रसायन,जन्तु, वनस्पति विज्ञान में से किन्हीं दो विषयों में 55 फीसदी अंकों के साथ स्नातक की उपाधि होनी अनिवार्य है। इसी प्रकार बीआरपी गणित के लिये गणित विषय में 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर तथा स्नातक स्तर पर गणित मुख्य विषय के साथ 55 फीसदी अंकों के साथ स्नातक उपाधि होनी चाहिये। बीआरीपी सामाजिक विज्ञान के लिये अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र,भूगोल,इतिहास में से किसी एक में 55फीसदी अंकों के साथ स्नातकोत्तर उपाधि तथा अर्थशास्त्र,राजनीतिशास्त्र,भूगोल,इतिहास में से किन्हीं दो विषयों के साथ 55 प्रतिशत अंकों में स्नातक उपाधि होनी अनिवार्य है। इसके अलावा संकुल संदर्भ व्यक्ति (सीआरपी) के लिये विधि द्वारा स्थापित मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 55प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि होनी जरूरी है। इसके साथ ही बीआरीपी व सीआरपी पदों के लिये बीएड की उपाधि के साथ-साथ सीटीईटी अथवा यूटीईटी प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इसके अलावा कम्प्यूटर में कार्य करने की दक्षता भी जरूरी है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये बीएड अथवा एलटी अर्हता होनी अनिवार्य है। शासन स्तर पर योग्यता निर्धारित करने के उपरांत अब परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा द्वारा आउटसोर्स एजेंसी का चयन कर बीआरपी- सीआरपी के 955पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जानी है। बीआरपी-सीआरपी पदों के लिये आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 42वर्ष निर्धारित की गई है जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये अधिकतम आयु सीमा 65वर्ष तय की गई है। सेवानिवृत्त शिक्षकों के पास चिकित्सा प्रमाण पत्र होना भी जरूरी है। राज्य में लम्बे समय से बीआरपी-सीआरपी के 955पद रिक्त चल रहे थे। सरकार ने इन पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है,जिसके लिये सेवा शर्तें व शैक्षिक योग्यताएं भी निर्धारित कर दी गई हैं। विभागीय अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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