संत समाज के प्रेरणास्रोत और दिव्य विभूति थे महंत ईश्वर दास-स्वामी ऋषिश्वरानंद
हरिद्वार। साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज की कार्तिक पूर्णिमा पर पुण्यतिथि पर सोमवार को गुरु श्रद्धा उत्सव में सभी 13अखाड़ों के संत महापुरूषों ने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनके योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वाजंलि समारोह में आये संतो ने उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। सोमवार को श्रवणनाथ नगर स्थित श्री गुरू सेवक निवास उछाली आश्रम में साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज की सौंवी पुण्यतिथि पर आयोजित गुरु श्रद्धा उत्सव को संबोधित करते हुए श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि साकेतवासी महंत ईश्वर दास महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत और दिव्य विभूति थे। उन्होंने कहा कि महंत विष्णु दास महाराज गुरूओं से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी योगदान कर रहे हैं। जो सभी को लिए प्रेरणादायी है। आश्रम परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साकेतवासी दादा गुरू ईश्वर दास महाराज विद्वान संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। उन्होंने कहा कि गुरू परंपरा का पालन करते हुए और पूज्य गुरूओं से मिले ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाना ही उनका उद्देश्य है। उन्होने कहा कि साकेतवासी ईश्वरदास महाराज ने सनातन धर्म की नींव को और अधिक मजबूत करने का कार्य किया। उन्होने हमेशा भारतीय संस्कृति और संस्कृत को बढ़ाने का कार्य किया। बाबा हठयोगी ने कहा कि उछाली आश्रम की गुरू परंपरा अनुपम है। महंत विष्णु दास महाराज सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें महान गुरूओं के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म की शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत ईश्वर दास महान संत थे। धर्म प्रचार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर कोठारी महंत राघवेंद्र दास,महंत जसविंदर सिंह शास्त्री,महंत गोविंद दास,स्वामी ऋषि रामकृष्ण,महंत धर्मदास ,महंत राजेंद्र दास,महंत दुर्गादास,स्वामी नित्यानंद,महंत प्रमोद दास,महंत प्रेमदास,महंत प्रह्लाद दास,महंत नारायण दास पटवारी,महंत बिहारी शरण,महंत सूरजदास,महंत शिवम महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरा नंद,स्वामी दिनेश दास,महंत हरिदास, सहित बड़ी संख्या में संत महंत और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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