हरिद्वार। ऑपरेशन स्माइल टीम ने बीती 30 अक्तूबर को हरिद्वार में लावारिस अवस्था में मिले 10 वर्षीय बालक के परिजनों को ढूंढकर उनके सुपुर्द कर दिया। पुलिस मुख्यालय स्तर से पूरे प्रदेश में ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है। अभियान के तहत हरिद्वार पुलिस लावारिस और गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिला चुकी है। गुमशुदा एवं लावारिस बच्चों की तलाश में जुटी ऑपरेशन स्माइल टीम ने वाल्मीकि चौक के समीप से अत्यंत दयनीय, परेशान व लावारिस अवस्था में एक 10 वर्षीय बच्चे को रेस्क्यू किया। टीम द्वारा पूछे जाने पर बालक ने अपना नाम ताज मोहम्मद पुत्र मुस्लिम मियां बताया। घर ऋषिकेश में होने व अन्य कुछ अधूरी जानकारियों के अलावा बालक ज्यादा कुछ नहीं बता पाया। टीम ने बालक को साथ लेकर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द विशेष अभियान चलाकर बालक के परिवार को गुमानीवाला में खोज निकाला। परिजनों ने बताया कि बालक ताज मोहम्मद खेलते-खेलते बिना बताए घर से चला गया था। काफी खोजने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। टीम के हेडकांस्टेबल राकेश कुमार ने बताया कि बच्चे का माता पिता बेहद गरीब हैं और मजदूरी करते हैं। जब टीम बच्चे के घर पहुंची तो माता पिता उसकी तलाश में गए हुए थे। औपचारिकताएं पूरी कर बालक को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। गुम हुए लाडले को वापस पाकर गरीब माता पिता ने टीम का आभार जताया। टीम में हेडकांस्टेबल राकेश कुमार, कांस्टेबल दीपक चंद, बलवंत व विमल शामिल रहे।
हरिद्वार। ऑपरेशन स्माइल टीम ने बीती 30 अक्तूबर को हरिद्वार में लावारिस अवस्था में मिले 10 वर्षीय बालक के परिजनों को ढूंढकर उनके सुपुर्द कर दिया। पुलिस मुख्यालय स्तर से पूरे प्रदेश में ऑपरेशन स्माइल चलाया जा रहा है। अभियान के तहत हरिद्वार पुलिस लावारिस और गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिला चुकी है। गुमशुदा एवं लावारिस बच्चों की तलाश में जुटी ऑपरेशन स्माइल टीम ने वाल्मीकि चौक के समीप से अत्यंत दयनीय, परेशान व लावारिस अवस्था में एक 10 वर्षीय बच्चे को रेस्क्यू किया। टीम द्वारा पूछे जाने पर बालक ने अपना नाम ताज मोहम्मद पुत्र मुस्लिम मियां बताया। घर ऋषिकेश में होने व अन्य कुछ अधूरी जानकारियों के अलावा बालक ज्यादा कुछ नहीं बता पाया। टीम ने बालक को साथ लेकर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द विशेष अभियान चलाकर बालक के परिवार को गुमानीवाला में खोज निकाला। परिजनों ने बताया कि बालक ताज मोहम्मद खेलते-खेलते बिना बताए घर से चला गया था। काफी खोजने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। टीम के हेडकांस्टेबल राकेश कुमार ने बताया कि बच्चे का माता पिता बेहद गरीब हैं और मजदूरी करते हैं। जब टीम बच्चे के घर पहुंची तो माता पिता उसकी तलाश में गए हुए थे। औपचारिकताएं पूरी कर बालक को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। गुम हुए लाडले को वापस पाकर गरीब माता पिता ने टीम का आभार जताया। टीम में हेडकांस्टेबल राकेश कुमार, कांस्टेबल दीपक चंद, बलवंत व विमल शामिल रहे।
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