हरिद्वार। महंत विंध्यवासिनी दास महाराज ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। गुरू के प्रति श्रद्धाभाव रखने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने वाले शिष्य का हमेशा कल्याण होता है। मां विंध्यवासिनी मंदिर में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुरू से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना ही प्रत्येक शिष्य का कर्तव्य है। महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर कर सांस्कृतिक रूप से एकजुट करना ही संत समाज का उद्देश्य है। परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्त का कल्याण होता है। बाबा हठयोगी व महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि जीवन के प्रत्येक पग पर सद्गुरू के मार्गदर्शन की आवश्यकता है। गुरू ही शिष्य के जीवन को भवसागर से पार लगाते हैं। इसलिए सभी को गुरू के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखते हुए उनकी शिक्षाओं के अनुसार आचरण करना चाहिए। इस दौरान सभी संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन स्वामी हरिद्वारी दास महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वामी शिवानंद भारती,महंत दुर्गादास,स्वामी चिदविलासानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,महंत निर्मल दास,बाबा हठयोगी,स्वामी ऋषिश्वरानंद,महंत प्रबोधानंद गिरी सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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