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दिव्य और महान संत थे स्वामी हंसदेवाचार्य-स्वामी अरुण दास


 हरिद्वार। भीमगोड़ा स्थित जगन्नाथ धाम आश्रम में स्वामी अरुण दास महाराज के संयोजन में संत बाबा साहब सरयुदास महाराज, साकेतवासी महंत स्वामी जगन्नाथदास महाराज, महंत पूर्णदास महाराज एवं रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित संत समागम में सभी 13 अखाड़ों के संत महापुरुषों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। महंत अरुण दास महाराज ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन गुरुदेव रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज दिव्य संत ओर युवा संतों के प्रेरणासोत्र थे। स्वामी अरुण दास ने कहा कि गुरु से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करना ही उनका उद्देश्य है। स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। स्वामी अरुण दास महाराज जिस प्रकार अपनी गुरू पंरपरांओं का पालन करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत नारायण दास पटवारी ने कहा कि रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज संत समाज की महान विभूति थे। उनके अचानक चले जाने से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा किया नहीं जा सकेगा। उनके बताए मार्ग पर चलते हुए धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी दिनेश दास ने कहा कि रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। सतपाल ब्रह्मचारी एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। उन्हें कभी बुलाया नहीं जा सकता। स्वामी अरुण दास सहित आश्रम के सभी ट्रस्टियों ने सभी संत महापुरुषों का फूलमाला पहनकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत सूरज दास, महंत बिहारी शरण, स्वामी अंकित शरण,स्वामी रामकृष्ण,स्वामी शिवानंद भारती,महंत दुर्गादास,बाबा हठयोगी, महंत प्रेमदास, महंत विष्णु दास,महंत जसविंदर सिंह,गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज, महंत धर्मदास, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, सतपाल ब्रह्मचारी, संजय महंत सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा और श्रद्धालुजन शामिल रहे। 


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।