हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि धनतेरस हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह न केवल समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का जश्न मनाने का एक त्यौहार है, बल्कि नए उद्यम और वित्तीय निवेश करने का भी एक बेहतर अवसर माना जाता है। इस दिन का महत्व बाजार और खरीदारी के लिए उत्सुक लोगों की भारी भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। धनतेरस परिवार में समृद्धि और स्वास्थ्य की खुशियाँ लाता है और इस शुभ अवसर पर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस, दिवाली त्योहार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। यह पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी के आभूषण या स्टील के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इससे आने वाले वर्ष में परिवार में समृद्धि आने की उम्मीद रहती है। लोग अपने दिन की शुरुआत घर की सफाई और घर में पड़े किसी भी अनावश्यक वस्तु से छुटकारा पाने के लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में बर्तन, गहने, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और अन्य सामानों की खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ रहती है। लोग अपने बजट के अनुसार खरीदारी करते हैं, लेकिन वे खाली हाथ घर नहीं जाते। यह व्यवसायियों के लिए वर्ष का सबसे अच्छा समय होता है और दुकानें आधी रात से भी अधिक वक्त तक खुली रहती हैं। धनतेरस पर वाहनों की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी जाती है। दरअसल, लोग अपनी बाइक या कार की डिलीवरी लेने के लिए धनतेरस के दिन का विशेष रूप से इंतजार करते हैं। इसी प्रकार, धनतेरस पर, हमारे आसपास सब कुछ नया देखने को मिलता है। साफ सुथरी वातावरण में मन शांत रहता है। इस मौके पर पूजा करके मन अध्यात्म से जुड़ जाता है। यह त्योहार आंगन में रंगोली बनाकर, अपनी कला को निखारने का मौका देता है। दीवाली के पहले धनतेरस का आना, हमारे अंदर उत्साह ला देता है, भारतीय संस्कृति में इस पर्व का महत्वपूर्ण स्थान है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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