हरिद्वार। भेषज विज्ञान विभाग में प्रकाश पर्व के अवसर पर नाईपर,अहमदाबाद से पधारे प्रोफेसर पल्लब भट्टाचार्य एवं पीजीआई,चंडीगढ़ से आए प्रोफेसर रविंदर खैवाल ने विभाग के छात्रों,शोध छात्रों एवं अध्यापकों को शैक्षणिक एवं अनुसंधान में असीम संभावनाओं एवं चुनौतियां पर विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर भट्टाचार्य ने बताया कि आज के समय में पुस्तकों के ज्ञान के अलावा ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध होने वाले सॉफ्टवेयर एवं ऑनलाइन स्रोतों की भी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए समय के साथ होने वाले अनुसंधानो पर अपनी नजर रखनी होती है। उन्होंने छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। पीजीआई, चंडीगढ़ के प्रोफेसर खेवाल ने पब्लिक हेल्थ एवं उससे जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं तथा आज के समय में प्रयोग होने वाली दवाओं,कीटनाशक आदि के दुष्प्रभाव के बारे में बताया। इन्होंने वर्तमान समय में बदलती जीवन शैली एवं इससे होने वाले विभिन्न रोगों के बारे में जानकारी दी तथा इसमें भारतीय ज्ञान,संस्कृति एवं विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। इन्होंने अपने द्वारा बनाए गए कॉमिक वायु के बारे में जो वातावरण एवं युवाओं से संबंधित है, के बारे में जानकारी दी। कोरोना काल में समाज के अंदर उपयोग होने वाली विभिन्न दवाओं,उपचार,वैक्सीन, जड़ी-बूटियों एवं उससे संबंधित अनुसंधान के बारे में विस्तार से चर्चा की। इन्होंने बताया कि हमें अपने आसपास होने वाली नित्य दिन की घटनाओं को संजीविता के साथ देखना चाहिए जिससे हमारे मन में उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के सरल समाधान के विचार आते हैं। इनको माध्यम मानकर अच्छे-अच्छे अनुसंधान किये जा सकते हैं। इन्होंने छात्रों को बताया कि हमें अपना उद्देश्य हमेशा उच्च रखना चाहिए तथा उसकी प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए। इस चर्चा के दौरान विभाग के डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा,डॉ रवि प्रताप, डॉ आशीष पांडे,डॉ राजेंद्र यादव,तरुण कुमार,डॉ राघव दीक्षित तथा विभाग के एम0फार्म0,बी0फार्म0,के छात्र उपस्थित रहे। चर्चा के दौरान आमंत्रित व्याख्याताओ का परिचय डॉ प्रिंस प्रशान्त शर्मा के द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का सम्मान विभाग के शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार जांगड़ा एवं डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ विपिन कुमार ने बताया कि आज के समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अध्ययन एवं अध्यापन के साथ-साथ अनुसंधान की भी अत्यधिक अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं प्रेषित की।
हरिद्वार। भेषज विज्ञान विभाग में प्रकाश पर्व के अवसर पर नाईपर,अहमदाबाद से पधारे प्रोफेसर पल्लब भट्टाचार्य एवं पीजीआई,चंडीगढ़ से आए प्रोफेसर रविंदर खैवाल ने विभाग के छात्रों,शोध छात्रों एवं अध्यापकों को शैक्षणिक एवं अनुसंधान में असीम संभावनाओं एवं चुनौतियां पर विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर भट्टाचार्य ने बताया कि आज के समय में पुस्तकों के ज्ञान के अलावा ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध होने वाले सॉफ्टवेयर एवं ऑनलाइन स्रोतों की भी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए समय के साथ होने वाले अनुसंधानो पर अपनी नजर रखनी होती है। उन्होंने छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। पीजीआई, चंडीगढ़ के प्रोफेसर खेवाल ने पब्लिक हेल्थ एवं उससे जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं तथा आज के समय में प्रयोग होने वाली दवाओं,कीटनाशक आदि के दुष्प्रभाव के बारे में बताया। इन्होंने वर्तमान समय में बदलती जीवन शैली एवं इससे होने वाले विभिन्न रोगों के बारे में जानकारी दी तथा इसमें भारतीय ज्ञान,संस्कृति एवं विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। इन्होंने अपने द्वारा बनाए गए कॉमिक वायु के बारे में जो वातावरण एवं युवाओं से संबंधित है, के बारे में जानकारी दी। कोरोना काल में समाज के अंदर उपयोग होने वाली विभिन्न दवाओं,उपचार,वैक्सीन, जड़ी-बूटियों एवं उससे संबंधित अनुसंधान के बारे में विस्तार से चर्चा की। इन्होंने बताया कि हमें अपने आसपास होने वाली नित्य दिन की घटनाओं को संजीविता के साथ देखना चाहिए जिससे हमारे मन में उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के सरल समाधान के विचार आते हैं। इनको माध्यम मानकर अच्छे-अच्छे अनुसंधान किये जा सकते हैं। इन्होंने छात्रों को बताया कि हमें अपना उद्देश्य हमेशा उच्च रखना चाहिए तथा उसकी प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए। इस चर्चा के दौरान विभाग के डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा,डॉ रवि प्रताप, डॉ आशीष पांडे,डॉ राजेंद्र यादव,तरुण कुमार,डॉ राघव दीक्षित तथा विभाग के एम0फार्म0,बी0फार्म0,के छात्र उपस्थित रहे। चर्चा के दौरान आमंत्रित व्याख्याताओ का परिचय डॉ प्रिंस प्रशान्त शर्मा के द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का सम्मान विभाग के शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार जांगड़ा एवं डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ विपिन कुमार ने बताया कि आज के समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अध्ययन एवं अध्यापन के साथ-साथ अनुसंधान की भी अत्यधिक अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं प्रेषित की।
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