हरिद्वार श्रीराधाराम मोनी आश्रम भूपतवाला में ब्रह्मलीन कोतवाल श्री प्रेमानंद जी महाराज की 17वीं षोडसी के अवसर पर आयोजित संत समागम में बोलते हुए श्री महंत नारायण दास पटवारी महाराज ने कहा इस धरती पर गुरु ही भक्तों के तारण हार हैं। इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ कोतवाल श्री कालीचरण जी ने कहा गुरुदेव पूज्य स्वामी प्रेमानंद जी महाराज आदर्श और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। मेरे प्रेरणा स्रोत थे,पूज्य गुरुदेव स्वामी प्रेमानंद जी अपने स्वभाव मिलनसार मधुर वाणी के लिए सदैव हम लोगों के बीच अपनी यादों के रूप में अपने आदर्शों के रूप में जीवित रहेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत हरिदास जी महाराज ने कहा संत का जीवन दूसरों को कल्याण का मार्ग दिखाने तथा समाज सेवा के लिए समर्पित होता है। संत जो भी कार्य करते हैं उसमें जगत कल्याण की भावना निहित होती है। महंत प्रहलाद दास ने कहा स्वामी प्रेमानंद जी महाराज मधुर भाषी मिलनसार संत थे संत कभी मरते नहीं वे सदैव अपने विचारों के रूप में हम लोगों के बीच बने रहते हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधादानंद गिरि,बाबा हठ योगी,महंत सुतीक्ष्ण मुनि,महंत महंत ऋषिशवरानंद ,महंत दलजीत सिंह ,मस्त गिरी महाराज ,रामचरण दास,महंत केशवानंद,महंत सूरज दास,महंत कैलसानंद,महंत खजाना दास,स्वामी दयानंद,महंत दयानंद,रतन चेतन महाराज, प्रहलाद दास,नारायण दास पटवारी महंत प्रेमदास,महंत हरभजन दास,महंत अवध गिरी,साध्वी राधा गिरी, शुक्र गिरी, श्याम गिरी,सरवन दास ,स्वामी संध्या गिरी,महंत रामविलास महाराज महंत विनोद शर्मा महंत कृष्ण स्वरूप महाराज महंत रामानंदी महंत स्वामी कृष्ण स्वरूप किशन दास बापू हिमांशु रितिक चौहान महंत शांति प्रकाश,महंत देवानंद महाराज,महंत गंगा दास,श्री पंजाबी बाबा महंत सचिव,गोविंद दास,रामदास महाराज परवीन कश्यप मनोजानंद सहित भारी संख्या में संत महंत तथा भक्तगण उपस्थित रहें।
हरिद्वार श्रीराधाराम मोनी आश्रम भूपतवाला में ब्रह्मलीन कोतवाल श्री प्रेमानंद जी महाराज की 17वीं षोडसी के अवसर पर आयोजित संत समागम में बोलते हुए श्री महंत नारायण दास पटवारी महाराज ने कहा इस धरती पर गुरु ही भक्तों के तारण हार हैं। इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ कोतवाल श्री कालीचरण जी ने कहा गुरुदेव पूज्य स्वामी प्रेमानंद जी महाराज आदर्श और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। मेरे प्रेरणा स्रोत थे,पूज्य गुरुदेव स्वामी प्रेमानंद जी अपने स्वभाव मिलनसार मधुर वाणी के लिए सदैव हम लोगों के बीच अपनी यादों के रूप में अपने आदर्शों के रूप में जीवित रहेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत हरिदास जी महाराज ने कहा संत का जीवन दूसरों को कल्याण का मार्ग दिखाने तथा समाज सेवा के लिए समर्पित होता है। संत जो भी कार्य करते हैं उसमें जगत कल्याण की भावना निहित होती है। महंत प्रहलाद दास ने कहा स्वामी प्रेमानंद जी महाराज मधुर भाषी मिलनसार संत थे संत कभी मरते नहीं वे सदैव अपने विचारों के रूप में हम लोगों के बीच बने रहते हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधादानंद गिरि,बाबा हठ योगी,महंत सुतीक्ष्ण मुनि,महंत महंत ऋषिशवरानंद ,महंत दलजीत सिंह ,मस्त गिरी महाराज ,रामचरण दास,महंत केशवानंद,महंत सूरज दास,महंत कैलसानंद,महंत खजाना दास,स्वामी दयानंद,महंत दयानंद,रतन चेतन महाराज, प्रहलाद दास,नारायण दास पटवारी महंत प्रेमदास,महंत हरभजन दास,महंत अवध गिरी,साध्वी राधा गिरी, शुक्र गिरी, श्याम गिरी,सरवन दास ,स्वामी संध्या गिरी,महंत रामविलास महाराज महंत विनोद शर्मा महंत कृष्ण स्वरूप महाराज महंत रामानंदी महंत स्वामी कृष्ण स्वरूप किशन दास बापू हिमांशु रितिक चौहान महंत शांति प्रकाश,महंत देवानंद महाराज,महंत गंगा दास,श्री पंजाबी बाबा महंत सचिव,गोविंद दास,रामदास महाराज परवीन कश्यप मनोजानंद सहित भारी संख्या में संत महंत तथा भक्तगण उपस्थित रहें।
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