हरिद्वार। जिला समाज कल्याण अधिकारी टीकाराम मलेठा ने मुख्य शिक्षा अधिकारी,जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक,बेसिक) खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा समस्त विकास खण्ड अधिकारियों से अनुरोध करते हुये आई0टी0 सैल, समाज कल्याण, देहरादून के पत्र दिनांक 05 दिसम्बर, 2023 का हवाला देते हुये अनुसूचित जातिध्जनजाति पिछडी जाति,ई0बी0सी0 पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति की विद्यालय,संस्थान के प्रमुख तथा संस्थान के नोडल अधिकारी का बायोमेट्रिक प्रकिया पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया है कि वर्तमान तक 742 संस्थानों में से केवल 150 संस्थानों के प्रमुख,नोडल अधिकारियों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण ही हो पाया है,जबकि बायोमेट्रिक की प्रकिया समयबद्ध है। श्री मलेठा ने यह भी अवगत कराया कि इस तथ्य को ध्यान मंे रखते हुये जिन विद्यालयों,संस्थानों के प्रमुख एवं नोडल अधिकारियों द्वारा अभी तक अपना बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण नही कराया गया है,उनके प्रमाणीकरण हेतु विकासखण्डवार-बहादराबाद,लक्सर एवं हरिद्वार शहरी क्षेत्र हेतु 22दिसम्बर को,भगवानपुर एवं रूडकी हेतु 23दिसम्बर तथा नारसन एवं खानपुर हेतु 26दिसम्बर को प्रातः 10 से 05 बजे तक जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय रोशनाबाद में शिविरों का आयोजन किया जायेगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने आगे यह भी जानकारी दी है कि सम्बन्धित संस्थानों के प्रमुख,नोडल अधिकारी द्वारा बायोमेट्रिक न कराये जाने पर छात्रवृत्ति आवेदन पत्र संस्थान,विद्यालय द्वारा ऑनलाईन अग्रसारित किये जाने संभव नही होगे। इसके अतिरिक्त संस्थान के प्रमुख,नोडल अधिकारी द्वारा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण हेतु आधार की छाया प्रति एवं अपने संस्थान की प्रोफाइल अपडेट,के0वाई0सी0 कराना भी अनिवार्य है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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