हरिद्वार। स्वामी दयानंद की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में 23दिसंबर से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय वेद विज्ञान और संस्कृति महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस अकादिमिक आयोजन में देश-विदेश के विद्वान शामिल होंगे। कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर प्रभात कुमार के अनुसार 23दिसंबर को स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर वेद विज्ञान और संस्कृति महाकुंभ का शुभारंभ होगा। प्रो. प्रभात कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में पहली बार वैश्विक स्तर पर वेद विज्ञान और संस्कृति को केंद्र में रखकर वृहद आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में वैदिक विद्वान,वैज्ञानिक, शोध अध्येता प्रतिभाग करेंगे और भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों पर अकादिमिक विमर्श किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बागपत सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक की भूमिका में रहेंगे। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय में इस वैश्विक महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आर्य जगत के विद्वान और आर्य सन्यासी भी सम्मिलित होंगे। प्रोफेसर प्रभात कुमार के अनुसार आयोजन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड,़ केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, योग गुरु स्वामी रामदेव सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभा करेंगे। वेद विज्ञान और संस्कृति महाकुंभ में देश की नई शिक्षा नीति और वैदिक शिक्षा दर्शन के विभिन्न आयामों पर चर्चा की जाएगी। गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय में नए शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम और अकादिमिक कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment