देहरादून/हरिद्वार। शिवालिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के द्वारा शुक्रवार को इमेर्जिगं डपलेपमेंट इन इंजीनियरिंग एवं तकनीकी (आईसीईडीईटी) विषय पर दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन किया गया। उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ईक्फाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0(डॉ0)राम करण सिंह,कॉलेज के वाईस चेयरमैन अजय कुमार, कॉलेज के निदेशक डॉ0 प्रहलाद सिंह,फार्मेसी के प्रिंसपल डॉ0 स्यानतन मुखोपाध्याय, आईक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ0 कुलदीप पंवार और डीन ऐकेडमिक डॉ0 एकता उपाध्याय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि ने जियो-सैटलाईट इमेजिंग के बारे में विशेष रूप से सभी छात्र-छात्राओं,शिक्षकगणों एवं शोधार्थियो को जानकारी दी और बहु-विषयक शोध की उपयोगिता समझायी। इसी क्रम में कॉलेज के वाईस चेयरमैन अजय कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज को प्रयोगात्मक सोच,समक्ष आविष्कार और सृजनात्मक अभिरूचि प्रदान होती है। शिवालिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ऐसी ही ज्ञानवर्धक राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों के माध्यम से समय-समय आयोजन करने के लिए प्रतिबद्व है। अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के निदेशक डॉ0 प्रहलाद सिंह ने संगोष्ठी के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर देश-विदेश से जुडे़ वक्ताओं के द्वारा शोध प्रस्तुत किये गये। संगोष्ठी के संयोजक डॉ0 कुलदीप पंवार कार्यक्रम ने सभी आगंतुको अतिथियों,शोधार्थियों,शिक्षकगणों और छात्रों का स्वागत किया। इस अवसर पर कॉलेज के डीन रिसर्च एंड प्रमोशन डॉ0संतोष जोशी,चीफ प्रोक्टर डॉ0 उमेश चन्द्र गुप्ता, संगोष्ठी के सह संयोजक अजय वर्मा,डॉ0 अभिषेक झा,डॉ0 राजीव कुमार, आयोजक सचिव डॉ0 सोनू भारद्वाज,डॉ0 हेमन्त नौटियाल और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों के अलावा शिक्षकगण, कर्मचारी और समस्त छात्र-छात्राऐं आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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