हरिद्वार। स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित आवासीय शिक्षण संस्थान आचार्यकुलम् में शनिवार को तीसरे दिन बालक/बालिका वर्ग की प्रतियोगिताएं अपने नियत समय पर आरंभ हुई। दोनों वर्गों की आज भी 15-15 प्रतिस्पर्धाएं निर्धारित हैं,साथ ही शाम की चाय के पश्चात क्वार्टरफाइनल की भी योजना है। उल्लेखनीय है कि कल डॉ० डी० के० सिंह जनरल सेक्रेटरी उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन,चन्द्र प्रकाश चतुवेर्दी सीबीएसई ऑब्जर्वर, विजय वशिष्ठ सीबीएसई टेक्निकल डेलीगेट,त्रिलोक चौधरी चीफ रेफरी,मोहम्मद तौशीद असिस्टेंट चीफ रेफरी ,पप्पल गोस्वामी असिस्टेंट टेक्निकल हेड तथा सुभाष तेवतिया असिस्टेंट चीफ रेफरी की गरिमामयी उपस्थिति में पूर्ण अनुशासन व समयबद्धता के साथ 19 वर्ष से अल्प आयुवर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए दूसरे दिन निर्धारित प्रतियोगिताओं से भी अधिक प्रतियोगिताएँ संपन्न हुई। कल संपन्न प्रतियोगिताओं के आधार पर बालकों के पूल। में एच० डी० सीनियर सेकेंडरी स्कूल,देहरादून पब्लिक स्कूल और भाई परमानंद विद्या मंदिर को 04,पूल ठ में हिन्दू पब्लिक स्कूल,कवि भारती विद्यालय को 06,पूल बी में विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 08 और अबूधाबी इंडियन स्कूल को 04 और पूल क् में समरितंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 08 तथा आचार्यकुलम् और बी०वी०पी० स्कूल को 04 अंक प्राप्त हुए हैं। जबकि बालिकाओं के पूल में डॉ के०एन०मोदी पब्लिक स्कूल को 06,पूल ठ में आचार्यकुलम् और दुद्दुपुडी इंग्लिश मीडियम स्कूल को 04,पूल ब में देहरादून पब्लिक स्कूल और कवि भारती विद्यालय को 05 और पूल क् में सेंट जेवियर स्कूल को 06 तथा पी.एस.बी.बी.लर्निंग लीडरशिप एकेडेमी 04 अंक प्राप्त हुए हैं। इस पावन अवसर पर आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा डॉ० ऋतंभरा शास्त्री‘बहन ‘,प्राचार्या श्रीमती आराधना कौल,स्वामी असंगदेव,स्वामी अर्जुनदेव,उपप्राचार्य तापस कुमार बेरा, समन्वयिका श्रीमती दीपा मलिक,क्रीड़ाध्यक्ष अमित दानी सहित सभी आचार्यवृंद, कर्मचारीगण व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment