हरिद्वार। हरियाणा अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने बताया कि आज अग्रवाल समाज को खोए हुए वैभव को दोबारा प्राप्त करने के लिए 25करोड़ वैश्य बंधुओ द्वारा मजबूत प्रदर्शन की जरूरत है। उन्होंने बताया कि समाज के लोगो की राजनीति में जो दस वर्ष पूर्व भागीदारी हुआ करती थी,अब किन्ही कारणों से नदारद हो चुकी है। समाज के सीनियर नेता बुवानीवाला ने वैश्य समाज के लोगो को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि सभी समुदाय के लोग आज जब राजनीति में संपूर्ण रूप से सकारात्मक भूमिका निभा रहे है तो उनके समाज के लोगो को राजनीति में आगे आना चाहिए ,तभी उनकी बड़े नेता पुछ करेंगे। उन्होंने बताया कि समाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी कम से कम 25 फीसदी भागीदारी राजनीति में आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एक समय में उनके समाज की राजनीति में शक्तिशाली भूमिका हुआ करती थी और हर मुख्य मंत्री उनके समाज को मान भी बराबर दिया करते थे,जो अब कम आंका जाने लगा है। उन्होंने बताया कि वैश्य समाज की राजनीतिक कमजोरी के कारण तीन स्तंभों का कोई आधार नही रह जाता है,लेकिन चौथे स्तंभ में वैश्य समाज राजनीतिक तौर पर हाशिए पर पहुंच गया है,यह हमे महसूस भी हो गया होगा। उन्होंने बताया कि हम लोगो को इसीलिए भी राजनीति में हम सबका भागीदारी निभाना ज्यादा जरूरी हो जाता है।
हरिद्वार। हरियाणा अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने बताया कि आज अग्रवाल समाज को खोए हुए वैभव को दोबारा प्राप्त करने के लिए 25करोड़ वैश्य बंधुओ द्वारा मजबूत प्रदर्शन की जरूरत है। उन्होंने बताया कि समाज के लोगो की राजनीति में जो दस वर्ष पूर्व भागीदारी हुआ करती थी,अब किन्ही कारणों से नदारद हो चुकी है। समाज के सीनियर नेता बुवानीवाला ने वैश्य समाज के लोगो को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि सभी समुदाय के लोग आज जब राजनीति में संपूर्ण रूप से सकारात्मक भूमिका निभा रहे है तो उनके समाज के लोगो को राजनीति में आगे आना चाहिए ,तभी उनकी बड़े नेता पुछ करेंगे। उन्होंने बताया कि समाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी कम से कम 25 फीसदी भागीदारी राजनीति में आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एक समय में उनके समाज की राजनीति में शक्तिशाली भूमिका हुआ करती थी और हर मुख्य मंत्री उनके समाज को मान भी बराबर दिया करते थे,जो अब कम आंका जाने लगा है। उन्होंने बताया कि वैश्य समाज की राजनीतिक कमजोरी के कारण तीन स्तंभों का कोई आधार नही रह जाता है,लेकिन चौथे स्तंभ में वैश्य समाज राजनीतिक तौर पर हाशिए पर पहुंच गया है,यह हमे महसूस भी हो गया होगा। उन्होंने बताया कि हम लोगो को इसीलिए भी राजनीति में हम सबका भागीदारी निभाना ज्यादा जरूरी हो जाता है।
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