हरिद्वार। पतंजलि संस्थान के द्वारा योग,आयुर्वेद के साथ-साथ अब कृषि के लिए किए जा रहे हैं नए प्रयोग, जहाँ कृषि अनुसंधान के साथ कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्य भी किया जा रहा है। कृषि प्रशिक्षण के लिए भोपाल से मध्य प्रदेश सरकार के नवनियुक्त लगभग 70कृषि अधिकारी (स्टेट एग्रीकल्चर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) पतंजलि में विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं। प्रशिक्षु अधिकारियों ने बताया कि पतंजलि के द्वारा जो प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है,वह वैज्ञानिक व अत्याधुनिक विधाओं पर आधारित है। इसमें धरती का डॉक्टर मशीन के द्वारा मृदा परीक्षण का विशेष ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अपने क्षेत्रों में जाकर मृदा परीक्षण के लिए धरती का डॉक्टर को प्राथमिकता देने पर बल दिया। इस कार्य के लिए के.पी. अहिरवाल डॉयरेक्टर व डॉ.माधुरी वानखेड़े, डॉ.रश्मि व अन्य अधिकारियों के साथ पतंजलि संस्थान से डॉ. वेदप्रिया, डॉ. विक्रान्त, डॉ.दुष्यन्त, डॉ.अनुप्रिया,डॉ.अनामिका,डॉ.करुणा व डॉ.स्वाति आदि ने सभी प्रशिक्षण को व्यवस्थित व प्रामाणिक रूप से संचालन किया। अन्त में सभी प्रतिभागियों को आचार्य बालकृष्ण ने शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए अपने क्षेत्र में जाकर किसानों की सेवा को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करने की प्रेरणा प्रदान दी।सभी ने सामुहिक संकल्प लिया कि किसान व कृषि के उत्थान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
हरिद्वार। पतंजलि संस्थान के द्वारा योग,आयुर्वेद के साथ-साथ अब कृषि के लिए किए जा रहे हैं नए प्रयोग, जहाँ कृषि अनुसंधान के साथ कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्य भी किया जा रहा है। कृषि प्रशिक्षण के लिए भोपाल से मध्य प्रदेश सरकार के नवनियुक्त लगभग 70कृषि अधिकारी (स्टेट एग्रीकल्चर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) पतंजलि में विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं। प्रशिक्षु अधिकारियों ने बताया कि पतंजलि के द्वारा जो प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है,वह वैज्ञानिक व अत्याधुनिक विधाओं पर आधारित है। इसमें धरती का डॉक्टर मशीन के द्वारा मृदा परीक्षण का विशेष ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अपने क्षेत्रों में जाकर मृदा परीक्षण के लिए धरती का डॉक्टर को प्राथमिकता देने पर बल दिया। इस कार्य के लिए के.पी. अहिरवाल डॉयरेक्टर व डॉ.माधुरी वानखेड़े, डॉ.रश्मि व अन्य अधिकारियों के साथ पतंजलि संस्थान से डॉ. वेदप्रिया, डॉ. विक्रान्त, डॉ.दुष्यन्त, डॉ.अनुप्रिया,डॉ.अनामिका,डॉ.करुणा व डॉ.स्वाति आदि ने सभी प्रशिक्षण को व्यवस्थित व प्रामाणिक रूप से संचालन किया। अन्त में सभी प्रतिभागियों को आचार्य बालकृष्ण ने शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए अपने क्षेत्र में जाकर किसानों की सेवा को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करने की प्रेरणा प्रदान दी।सभी ने सामुहिक संकल्प लिया कि किसान व कृषि के उत्थान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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