हरिद्वार। जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में उत्तराखंड के टिहरी के ग्राम भांगला निवासी डा.ज्योति प्रसाद गैरोला ने प्राचीन भारतीय कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था के उत्कृष्ट तत्वों जैसे राजत्व सिद्धान्त,सप्तांग अवधारणा,लोक कल्याणकारी राज्य, भ्रष्टाचार नियंत्रण रणनीति,धर्मनीति,विदेशनीति आदि की वर्तमान विश्व की चुनौतियों के समाधान में प्रासंगिकता को बताया। इस परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में वर्तमान भारत सरकार द्वारा सुःशासन,भ्रष्टाचार नियंत्रण कार्यवाही, लोक कल्याणकारी राज्य, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, न्याय, विश्व मानचित्र पर भारत को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के प्रयास आदि कार्य प्राचीन कौटिल्य कालीन राजव्यवस्था के गौरव से प्रेरित है। साथ ही भविष्य की चुनौतियों के निदान में भी कौटिल्य राजव्यवस्था प्रेरणास्पद है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment