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श्रीमहंत हरि गिरी के नेतृत्व में संतो ने दी सरयू के तट पर ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामानंद पुरी को श्रद्धांजलि

 


हरिद्वार। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्री महंत रामानंद पुरी के आकस्मिक निधन से समस्त अखाड़ों तथा संत समाज में शोक की लहर व्याप्त है। श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत प्रेम गिरि महाराज ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा की ब्रह्मलीन श्री महंत रामानंद पूरी उच्च शिक्षित तथा अत्यंत दूर-    दृष्टि वाले महापुरुष संत थे। वह जीवन में शिक्षा के महत्व को समझते थे इसलिए उन्होंने भावी पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान श्री रामानंद इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी जो कि आज उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में सर्वोपरि है। उन्होंने हमेशा समाज हित मे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामानंद पुरी महाराज की आत्मा की शांति के लिए जूना अखाड़ा हरिद्वार में श्री आनंद भैरव,माया देवी मंदिर,मौज गिरी मंदिर प्रयागराज ,नील गंगा उज्जैन,भावनाथ मंदिर जूनागढ़ गुजरात, त्रयंबकेश्वर दत्त अखाड़ा नासिक, बनखंडी नाथ मंदिर बरेली सहित पूरे देश में स्थित जूना अखाड़े के समस्त मठ मंदिरों व आश्रमों में विशेष पूजा अर्चना व शांति पाठ आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। अयोध्या में आज श्री अवध दत्त मंदिर जूना अखाड़ा रामपुरी तुलसी घाट पर श्रीमहंत हरि गिरी के संयोजन में पवित्र नदी सरयू के पावन तट पर नागा सन्यासियों,साधु संतों व श्रद्धालु जनों ने ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामानंद पुरी जी को श्रद्धांजलि दी। श्री अवध दत्त मंदिर में शांति हवन तथा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर वीरेंद्र आनंद गिरि महाराज,गोकर्ण पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कपिल पुरी जी महाराज,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री महंत कैदारपुरी,राष्ट्रीय सचिव श्री महंत महेशपुरी ,श्री महंत शैलेंद्र गिरी,श्री महंत मनोजगिरी,थानापति आदित्य गिरी,थानापति शनि भारती,महंत साधनागिरी,महंत आशुतोष गिरी,सहित अनेकों संतों,श्रद्धालुओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


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