Skip to main content

निरंजनी अखाड़े के ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी को दी गयी भू समाधि

 दिव्य संत थे ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी-श्रीमहंत रामरतन गिरी


हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के पूर्व सचिव ब्रहमलीन महंत रामानंद पुरी को चंडीघाट पर भू समाधी दी गयी। महंत रामानंद पुरी का बीमारी के चलते बुधवार को रामकृष्ण मिशन अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया था। बृहष्पतिवार को उनके पार्थिव शरीर को बैंण्ड बाजों के साथ भू समाधी देने के लिए चंडीघाट ले जाया गया। जहां सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों की मौजूदगी में विधि विधान के साथ उन्हें भू समाधी दी गयी। भू समाधी से पूर्व संत महंतों ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज दिव्य संत थे। उनके निधन से अखाड़े को अपूर्णीय क्षति हुई है। निरंजनी अखाड़े को आगे बढ़ाने के साथ सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज विद्वान संत थे। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन योंगदान करना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास, श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह, महंत गोविंददास, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महंत सूर्यमोहन गिरी एवं स्वामी गंगा गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज का पूरा जीवन सनातन धर्म संस्कृति और मानव सेवा को समर्पित रहा। उनके विचारों का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरी, स्वामी आदि योगी, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी सोमेश्वरानंद, महंत सूर्यमोहन गिरी, स्वामी राजगिरी, स्वामी गंगा गिरी, समाजसेवी प्रदीप शर्मा, प्रो.सुनील बत्रा, अनिल शर्मा, राकेश गोयल, डा.नरेंद्र बड़गोती, दीपक मणी, वैभव शर्मा, दीपक कुमार, निर्भय सिंह, महंत रविपुरी, स्वामी आशुतोष पुरी, स्वामी रवि वन, स्वामी रघुवन, महंत राकेश गिरी,, महंत राधेश्याम पुरी, महंत केशव पुरी, मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा, संदीप अग्रवाल, टीना टुटेजा, प्रतीक सूरी, अजय चौहान सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु शामिल रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।