हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को कोर्ट ने खन्नानगर कॉलोनी में बीते सितंबर माह में व्यापारी की आत्महत्या के मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामले मेें आरोप है कि कुछ लोगों ने दुकान पर आकर अभद्रता करते हुए गाली-गलौच की और झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी दी। जिससे प्रताड़ित होकर व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार खन्नानगर निवासी सारिका कर्णवाल ने अपने अधिवक्ता दिनेश वर्मा के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया। जिसमें निशांत गुप्ता निवासी आदर्श नगर व नीलम अरोड़ा,जीवन अरोड़ा,गौरव अरोड़ा, आकाश चौधरी और नवनीत मित्तल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने सारिका के बेटे निहार कर्णवाल की नौकरी लगने के लिए पैसे लिए और पैसे वापस मांगने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी।बताया कि 18 सितंबर को नेहा अरोड़ा व अन्य लोग उनके पति राजेंद्र कर्णवाल की दुकान पर आए और अभद्र व्यवहार करते हुए गाली-गलौच की। साथ ही पूरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी भी दी। सारिका ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि यह सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।आरोप है कि राजेंद्र कर्णवाल को मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया गया कि अगली सुबह राजेंद्र कर्णवाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना भी दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। राजेंद्र ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट लिखा था।आरोप है कि पोस्टमार्टम के बावजूद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। एसएसपी कार्यालय में शिकायत देने पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय अपर सिविल जज हरिद्वार ने उपलब्ध दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए हुए आरोपित निशांत गुप्ता,नीलम अरोड़ा,गौरव अरोड़ा,आकाश चौधरी व नवनीत मित्तल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश कोतवाली प्रभारी ज्वालापुर को दिए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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