हरिद्वार। सप्त सरोवर क्षेत्र स्थित माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया के परमाध्क्ष स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज लंबी बीमारी के बाद ब्रह्मलीन हो गए हैं। उनकी उत्तराधिकारी एवं माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया की संचालक बहन विमला निर्मल ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराज विगत कई वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे,रविवार सांयकाल महाराज ब्रह्मलीन हो गए। उनके निधन से संत समाज में शोक व्याप्त है। सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया से चलकर खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंची जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। निर्मल ऋषि भागहरी,माता सच्चिदानंद कुटिया ट्रस्ट की संचालक एवं ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज की उत्तराधिकारी और आश्रम की संचालक बहन विमला निर्मल के निर्देशन में अंतिम यात्रा आयोजित की गई। जिसमें निर्मल अखाड़े के परमाध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज, निर्मल आश्रम के महंत जोध सिंह, निर्मल संतपुरा आश्रम के महंत जगजीत सिंह,महंत जमना दास ,राजा जी महाराज, लाल माता मंदिर के संचालक भक्त दुर्गादास सहित तीर्थनगरी हरिद्वार के विभिन्न अखाड़ों,आश्रमों के संत महंतजनों ने ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पार्षद अनिल मिश्रा,पार्षद अनिरुद्ध भाटी और सैकड़ों की संख्या में भक्तजन अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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