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संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज को श्रद्धांजलि

 


हरिद्वार। सप्तसरोवर क्षेत्र स्थित निर्मल संप्रदाय की माता सच्चिदानंद निर्मल कुटिया के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज का श्रद्धांजलि समारोह में निर्मल अखाड़े के पदाधिकारियो,संतजनों के साथ विभिन्न आश्रमों के संत,महंत महामंडलेश्वर उपस्थित रहे। साधुबेला आश्रम के परमाध्यक्ष आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल जी महाराज त्याग, तपस्या और करुणा की प्रति मूर्ति थे। उनके ब्रह्मलीन हो जाने से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने एवं भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि बह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री महान संत थे। समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर अध्यात्म के मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा का संकल्प लेना चाहिए। निर्मल अखाड़े के पूर्व सचिव महंत बलवंत सिंह ने कहा कि जिस प्रकार बहन विमला निर्मल पूर्व से आश्रम का सफल संचालन कर रही हैं। उसी प्रकार आश्रम की परमाध्यक्ष बनने के बाद ट्रस्टीयों और भक्तजनों के सहयोग से संस्था को आगे बढ़ाएंगी ऐसा संत समाज को विश्वास हैं। निर्मल बाग आश्रम के परमाध्यक्ष महंत जोध सिंह, निर्मल अखाड़े के अन्य पदाधिकारीयो ने ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री महाराज की उत्तराधिकारी एवं आश्रम की संचालिका बहन विमला निर्मल को तिलक चादर देकर उनके प्रति मंगल कामनाएं प्रकट की। बहन विमला निर्मल ने सभी संतजनों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी सर्वेश्वर सिंह शास्त्री निर्मल महाराज से प्राप्त ज्ञान और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम के सेवा प्रकल्पों का विस्तार और मानव सेवा में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। इस अवसर पर स्वामी बलराज मुनि,स्वामी श्रवण मुनि,गोपाल पुनेठा,महंत निर्भय सिंह,महंत अमनदीप सिंह,महंत बलवंत सिंह, महंत जमना दास,स्वामी शिवानंद भारती सहित बड़ी संख्या में संत महंत व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।


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