हरिद्वार। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के पूर्व सचिव महंत रामानंद पुरी महाराज के अचानक ब्रह्मलीन होने से संत समाज में शोक की लहर है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने ब्रह्मलीन महंत रामानंद पूरी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी बहुत ही सरल स्वभाव के संत थे। मानव कल्याण में योगदान करते हुए सेवा प्रकल्पों के माध्यम से उन्होंने अनेक गरीबों परिवारों की मदद की। उनके अचानक ब्रह्मलीन होना सनातन जगत के लिए बड़ी क्षति है। जिसे कभी पूरा नहीं किया सकेगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों का जीवन समाज के लिए समर्पित होता है। संत शरीर शरीर त्यागते हैं। लेकिन आत्मा सदैव समाज का मार्गदर्शन करती हैं। ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज के विचार और उनका कृतित्व सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी,महंत दर्शन भारती,स्वामी बिपनानंद एवं स्वामी नागेंद्र महाराज ने कहा कि पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन मंहत रामानंद पुरी महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेते मानव सेवा में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास एवं समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज संत समाज के आदर्श और प्ररेणास्रोत थे। ऐसी दिव्य विभूति का अचानक ब्रह्मलीन होना संत समाज के लिए बड़ी क्षति है। श्रीमंहत ज्ञानदेव सिंह,श्रीमहंत महेश्वर दास,मुखिया मंहत दुर्गादास,मंहत जसविंदर सिंह, मंहत रूपेंद्र प्रकाश,स्वामी कपिल मुनि,स्वामी हरिचेतनानंद महाराज,मंहत साधनानंद, स्वामी गर्व गिरी,मंहत गोविंददास, मंहत जयेंद्र मुनी,मंहत विष्णुदास,बाबा हठयोगी योगी,मंहत दुर्गादास ,मंहत प्रहलाद दास,मंहत सूरज दास,मंहत रघुवीर दास, मंहत बिहारीशरण, मंहत गंगादास,मंहत शिवानंद भारती,स्वामी विपनानंद,स्वामी पारसमुनी,स्वामी नागेन्द्र महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी निर्मलदास, मुखिया मंहत भगतराम,सुनील अग्रवाल,दीपक मनी सहित कईं संत महापुरुषों ने ब्रह्मलीन मंहत रामानंद पुरी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें महान संत बताया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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