हरिद्वार। कड़ाके की सर्दी के बीच सोमवार को मकर संक्राति के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने गंगा स्नान किये। मकर संक्राति अथवा उत्तरायण के मौके पर सोमवार को कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड समेत आसपास गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगायी। कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के बीच श्रद्वालुओं ने गंगा मैया का दुग्धाभिषेक और दीपदान के साथ ही जरूरतमंदों को यथा सामर्थ्य कंबल,वस्त्र,अनाज आदि देकर पुण्य कमाया। मंदिरों में दर्शन को भी श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ दिखी। इधर स्नान को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। मकर संक्राति पर सोमवार अलसुबह हाड़ कंपाने वाली ठंड और घने कोहरे के बावजूद आस्था से सराबोर बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उप्र आदि से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगायी। दोपहर में सूर्यदेव के प्रकट होने से ठंड से फौरी राहत मिली। हरकी पैड़ी,मालवीय द्वीप,नाई सोता,सुभाष घाट,वीआइपी घाट समेत अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। चहुंओर हर-हर गंगे,जय मां गंगे के जयकारे लगते रहे। श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर देव को अर्घ्य चढ़ाकर पितरों के निमित्त कर्मकांड के साथ ही दान भी किया। सामान्य दिनों की अपेक्षा हरकी पैड़ी क्षेत्र में खासी चहल पहल रही। पुलिस के अनुसार शाम पांच बजे तक लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर लिया था। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह आदि ने हरकी पैड़ी समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को मेला क्षेत्र को सात जोन और 17 सेक्टरों में बांट प्रत्येक प्वाइंट पर पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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