हरिद्वार। भूपतवाला स्थित निराला धाम आश्रम में आयोजित चालीस दिवसीय 35वें विराट शिव शक्ति महायज्ञ के 30वें दिन श्रद्धालु भक्तों को आशीवर्चन देते हुए आश्रम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि आश्रम में स्थापित नागेश्वर गद्दी की श्रद्धाभाव के साथ एक बार पूजा करने मात्र से ही व्यक्ति का जीवन संवर जाता है। उन्होंने कहा कि शिव साधक ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा दिव्य संत थे। ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा की प्रेरणा से उनके द्वारा शुरू की गयी परंपरा का पालन करते हुए प्रतिवर्ष शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि महादेव भगवान शिव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते हैं। मृत्युंजय भगवान शिव की कृपा से भक्त को सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। उन्होंने सभी भक्तों को राम लला के अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान होने की बधाई देते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण होने से सनातन धर्म संस्कृति का जो उद्भव हुआ है। उसका सभी के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव होगा। भगवान राम की कृपा से भारत उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचेंगा और विश्व गुरू के रूप में पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का हिंदू समाज द्वारा सदियों से देखा जा रहा स्वप्न साकार हुआ है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधुवाद के पात्र हैं। स्वामी आशा भारती महाराज के शिष्य स्वामी नित्यानंद ने बताया कि चालीस दिवसीय शिव शक्ति महायज्ञ का समापन 9फरवरी को मौनी अवास्या पर हो गा। समापन के पूर्व 8 फरवरी को सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में आश्रम में श्रद्धांजलि समारोह एवं संत समागम का आयोजन किया जाएगां। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री,महेश इंद्र शर्मा,रमेश मिड्डा,सतीश अग्गी,अर्जुन देव,प्रदीप कुमार,नरेश जोशी,सुदर्शन शर्मा,प्रमेंद्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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