हरिद्वार। वरिष्ठ समाजसेवी मोहनलाल शर्मा की अस्थियां पूर्ण वैदिक विधि विधान से गंगा में प्रवाहित की गयी। वरिष्ठ समाजसेवी मोहनलाल शर्मा का बीते दिनों निधन हो गया था। रविवार को उनके पुत्र राजीव दत्त शर्मा ने परिजनों प्रदीप शर्मा,आशुतोष शर्मा,पार्थ शर्मा, जितेंद्र शर्मा,कौशल शर्मा आदि के साथ कनखल सती घाट पहुंचकर अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद,महंत रघुवीर दास,महंत दिनेश दास,स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,महंत जयराम दास,महंत सूरज दास,स्वामी नागेंद्र महाराज एवं स्वामी बिपनानंद महाराज ने स्वर्गीय मोहनलाल शर्मा को श्रद्धांजलि दी। स्वामी हरिचेतना नंद महाराज ने कहा कि समाजसेवा में अहम योगदान करने वाले मोहनलाल शर्मा के निधन से समाज को भारी क्षति हुई है। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज सेवा में योगदान का संकल्प लेना चाहिए। महंत रघुवीर दास,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी नागेंद्र महाराज एवं स्वामी बिपनानंद महाराज ने कहा कि स्वर्गीय मोहनलाल शर्मा अत्यन्त मिलनसार व शौम्य व्यक्त्वि के स्वामी थे और सदैव जरूरतमंद लोगों की सेवा में तत्पर रहते थे। संत महापुरूषों के प्रति भी अत्यन्त आदर भाव रखते थे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ऐसी दिव्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने कहा कि मोहनलाल शर्मा हमेशा आगे बढ़कर गरीब,असहाय लोगों की मदद करते थे। उनके अचानक चले जाने से उनके परिवार को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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