विद्वान संत थे ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामेश्वर पुरी-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के पूर्व सचिव श्रीमहंत रामेश्वर पुरी के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज में शोक की लहर दौड़ गयी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि काफी समय से अस्वस्थ चल रहे श्रीमहंत रामेश्वर पुरी मंगलवार की सवेरे दिल्ली में ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामेश्वर पुरी विद्वान संत थे। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट और निरंजनी अखाड़े की प्रगति में उनका अहम योगदान रहा। उनके ब्रह्मलीन होने से अखाड़े और संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे। उन्होंने कहा कि संत महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी आत्मा सदैव समाज का मार्गदर्शन करती है। सभी को श्रीमहंत रामेश्वर पुरी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान का संकल्प लेना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामेश्वर पुरी संत समाज के प्ररेणा स्रोत थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। मां गंगा उन्हें मोक्ष प्रदान करे। महंत राघवेंद्र दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत रामेश्वर पुरी महाराज दिव्य संत थे। उन्होंनें जीवन पर्यन्त समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने के साथ मानव कल्याण में अहम भूमिका निभायी। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि जीवन पर्यन्त संत परंपरांओं का पालन करते हुए सनातन परंपरांओं के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करने वाले धर्म संस्कृति के महान विद्वान श्रीमहंत रामेश्वर पुरी महाराज का अचानक ब्रह्मलीन होना सनातन जगत के लिए बड़ी क्षति है। जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी,अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी, श्रीमहंत प्रेम गिरी,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत राघवेंद्र दास,महंत रामरतन गिरी, मुखिया महंत भगतराम,महंत दर्शन भारती,स्वामी शिवानन्द भारती,स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी गंगा गिरी,स्वामी ऋषि रामकृष्ण,स्वामी आदि योगी,स्वामी रवि पुरी, महंत गोविंदपुरी,महंत केशवानंद,स्वामी बिपनानंद,स्वामी नागेंद्र महाराज,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास सहित सभी तेरह अखाड़ों के संतों व एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा,समाजसेवी अनिल शर्मा,वैभव शर्मा,प्रदीप शर्मा,राकेश गोयल ने श्रीमहंत रामेश्वर पुरी के ब्रह्मलीन होने पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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