हरिद्वार। हरिद्वार की सदानंद आश्रम की प्रबंधक सरोज देवी ने अयोध्या में आयोजित शास्त्रार्थ 2024 में भाग लिया। शास्त्रार्थ संस्कृत भाषा में था और इन्होंने वर्तमान न्याय प्रणाली पर आवाज उठाई। वेदो और भगवत गीता से श्लोक उदृत करते हुए अपनी बात की पुष्टि की। जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। जैसे त्रेता युग में तुरंत न्याय मिलता था इसका आधार लेते हुए सरोज देवी ने वर्तमान न्याय प्रणाली पर सवाल किए। कई सालों तक मुकदमे और उनकी सुनवाई चलती रहती है उस पर सवाल उठाए और तुरंत न्याय की मांग की। किन हालातो में किसी अपरा या नहीं इसके लिए भी उन्होंने रामचरितमानस से उदाहरण दिया।उन्होंने बताया कि जैसे रामचरितमानस में आया है कि मैं बेरी सुग्रीव प्यारा, किन अपराध नाथ मोहि मारा। बाली भगवान राम से यह प्रश्न करते हैं इस चैपाई में इसी का संदर्भ देते हुए भगवान राम उत्तर देते हैं अनुज,वधु भगिनी कन्या सम ए चारी। इन्हीं बिलोकी कुदृष्टि येही, ताही वध करी पाप ना होही। ा कहते हैं कि ऐसा राजा जो संसार में लिप्त नहीं है और अहंकार शून्य है वह तीनों लोगों की हत्या भी कर दे तो भी ना पापी है ना बंधन का पात्र है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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