संकल्प के साथ आगे बढ़ने का समय: डॉ चिन्मय पंड्या
हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय नये संकल्प के साथ आगे बढ़ने का समय है। देश के प्रत्येक व्यक्ति, परिवार और समाज में जन जागरण का अवसर है। नये युग के आगमन का समय है। ऐसे दिव्य अवसर में हम सभी को संगठित होकर सकारात्मक सोच एवं संकल्प के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। युवा आइकॉन डॉ.चिन्मय पण्ड्या गुजरात व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा निकलने वाली ज्योति कलश रथ यात्रा कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयोजित उद्घाटन सत्र में डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ज्योति कलश रथ यात्रा के माध्यम से परिचय सत्र-नींव के पत्थरों का अनुभव लेना,प्रेम भावना विकसित करना,भावी योजनाओं के लिए प्रस्ताव तथा योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए सतत प्रयास करते रहना है। इससे एक ओर जहाँ सकारात्मक सोच,व्यक्तित्व संपन्न व्यक्ति एकजूट होंगे,वहीं दूसरी ओर समाज में नकारात्मकता कम होगी। जिस तरह से दीपक जलाने से अंधेरा अपने आप दूर हो जाता है। युगऋषि पूज्य पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन दिनों पांच वीरभद्र अपने अलग अलग स्वरूपों में कार्य कर रहे हैं। वायुमण्डल के परिशोधन, वातावरण के परिष्कार,नये युग के आगमन,देवमानवों को जोड़ने तथा प्रतिभा सम्पन्न लोगों में अच्छे विचारों का पोषण जैसे कार्य में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय विकट है, सभी ओर श्रद्धावानों, कर्मशीलों को पुकार रहा है कि भारतीय संस्कृति-सनातन संस्कृति के लिए कार्य करें,जिससे युवा पीढ़ी को दुर्व्यसन आदि से बचाया जा सके। इस अवसर पर उन्होंने ज्योति कलश रथयात्रा के उद्देश्यों, परिकल्पनाओं एवं योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही डॉ.ओपी शर्मा,प्रो.प्रमोद भटनागर,श्याम बिहारी दुबे,प्रो.विश्वप्रकाश त्रिपाठी,योगेन्द्र गिरि,उदय किशोर मिश्र,डॉ.विरल पटेल ,बालरूप शर्मा आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर गुजरात व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से आये सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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