हरिद्वार। वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन हरिद्वार के अध्यक्ष चैधरी चरण सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों को सुबह शाम घूमने का हरिद्वार क्षेत्र में एकमात्र विकल्प सिंहद्वार से मायापुरी डैम तक नहर की पटरी है। अन्य कोई स्थान घूमने के लिए नहीं है नहर की पटरी पर लोहे के गेट तो लगे हैं लेकिन गेट हर समय खुले रहते हैं। इन कारणों से नहर की पटरी पर चैपाइयां,तिपहिया,एंव दुपहिया वाहन तीव्र गति से दौड़ते हैं। जिन कारणों से वरिष्ठ नागरिकों को घूमने में असुविधा हो रही है। नहर पटरी पर वाहनों की आवाजाही के कारण कई बुजुर्गों को चोट भी लग चुकी है और भविष्य में दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। चैधरी चरण सिंह ने सहायक संभागीय अधिकारी जनपद हरिद्वार को ज्ञापन सौपा उन्होने ज्ञापन में मांग कि है। कि नहर पटरी मार्ग के लोहे के गेटों को बंद कराने एंव शाम के समय तक गेट बंद किया जाए साथ ही पुलिस कर्मचारियों की तैनाती भी हो,जिससे लोगों को दिक्क्तों का सामना ना करना पडे अवैध रूप से खड़ी ठैलियों को हटाने और वाहनों का संचालन बंद हो वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित आराम से नहर पटरी पर सैर कर सके ज्ञापन सौपने वालो मे विद्यासागर गुप्ता,सुखबीर सिंह,विकास अग्रवाल,एपीएन सक्सेना,सत्यदेव,चैधरी चरण सिंह,शिवचरण बाबू लाल,सुमन,हरदयाल अरोड़ा,सुभाष चंद्र ग्रोवर,रामसागर सिंह,श्याम सिंह मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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