हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन हो गया। शिविर के अंतर्गत देसंविवि के 350 स्वयंसेवियों ने स्वच्छता, नशा उन्मुलन,वृक्षारोपण,योग,यज्ञ,स्वास्थ्य जागरूकता जैसे अनेक विभिन्न गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने शिविर की सफलता पर सभी को आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन दिया और टीम के कठिन पुरुषार्थ की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों ने ग्रामीण जनता को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा संचालित सप्त आंदोलन एवं विभिन्न सकारात्मक गतिविधियों को ग्रामवासियों तक पहुंचाया हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.उमाकांत इंदौलिया ने बताया कि सात दिवसीय शिविर में प्रातः योग एवं यज्ञ से दिनचर्या की शुरुआत होती थी। महारैली, महास्वच्छता अभियान, ग्राम सर्वेक्षण,सांस्कृतिक विकास हेतु संध्याकालीन सांस्कृति गतिविधियां दिनचर्या की प्रमुख हिस्सा रही। स्वयंसेवियों द्वारा गांवों के लोगों को जागरूक करने हेतु विभिन्न रचनात्मक एवं सुधारात्मक गतिविधियाँ चलायी गयी। स्वयंसेवियों ने घर-घर जाकर नशा मुक्ति के संबंध में जानकारी दी तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीणों को नशे के दुष्परिणाम से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बौद्धिक सत्र के अंतर्गत व्यक्तित्व विकास,युवा जागृति,बाल संस्कार शाला,नारी जागरण जैसे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों एवं अनुभवी व्यक्तियों ने स्वयंसेवियों का मार्गदर्शन किया। इस दौरान युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे एवं आशीष कुमार सिंह ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए नये संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंर्तगत संगीत,नृत्य,वादन,योग,नाट्य,कविता,स्कैच,स्लोगन,निबंध जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्साह पूर्वक भाग लिया। अंतिम दिवस पर महाश्रमदान का आयोजन हुआ। स्वयंसेवियों को स्मृति चिह्न और विशेष प्रमाण पत्र आदि भेंटकर सम्मानित किया गया।शिविर के दौरान देसंविवि के कुलसचिव बलदाऊ देवांगन,डॉ.स्मिता वसिष्ठ,प्रो.ईश्वर भारद्वाज,डॉ.अरुणेश पाराशर,कृष्णा झरे, सुधीर श्रीपाद ,डॉ.संतोष विश्वकर्मा,आलोक द्विवेदी,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक ऋषिकेश ,लक्ष्मी प्रकाश बहुगुणा आदि ने भी स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया। शिविर में डॉ. इप्सित प्रताप सिंह, प्रखर सिंह पाल, मोहित शर्मा, श्रीमती लालिमा, गायत्री शर्मा, ऋचा मिश्रा आदि का विशेष योगदान रहा। गायत्री शक्तिपीठ भोगपुर,ऋषिकेश के व्यवस्थापक राकेश कुमार ने शिविर व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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