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एडवोकेट ललित मिगलानी ने दी धारा 144 की जानकारी

 


हरिद्वार। देश में चुनाव का माहौल चल रहा है देश में आर्दश आचार, सहिता लग गई है। ओर उसमे धारा 144 लागु हो गई है। धारा का नाम सुन कर अक्सर लोग भ्रमित हो जाते है ओर डर जाते है। कही उनसे कुछ गलत न हो जाये लोगो के इसी भ्रम को दूर करने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता एंव भारतीय जागरूकता समिति के अध्यक्ष ललित मिगलानी ने जनकारी देते हुए बताया कि क्या होती है धारा 144 मिगलानी ने बताया देश में कहीं भी सुरक्षा की दृष्टि को लेकर संदेह होता हैै। उसके लिए धारा-144 लागू किया जाता है। कहीं, विधान सभा, लोक सभा या पंचायत चुनाव हों या फिर कैसे भी चुनाव हों, तब भी धारा-144 लागू की जाती है। कहीं अगर बवाल,हिंसा या दंगा हो जाए तो धारा-144 लागू की जा सकती है। इससे लोगों को एक साथ रहने की आजादी नहीं रहती है। उन्होनें बताया कि धारा 144 को लागू कौन करता है। धारा 144 का मुख्य मकसद कई लोगों को एक जगह पर एकत्र होने से रोकना है। शासन यह धारा तब लागू करती है जब लोगों को एक जगह एकत्र होने से कोई खतरा हो सकता है। धारा लागू करने के लिए ललित मिगलानी ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए लगाई जाती है। किसी तरह के सुरक्षा, स्वास्थ्य जैसें खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा 144 जहां लगती है, उस इलाके में 5 या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते। धारा लगने के बाद जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाओं को बंद किया जा सकता है। इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है। धारा 144 का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान गैरकानूनी तरीके से भीड जमा होने पर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम 3साल कैद की सजा हो सकती है। सेक्शन 144 और कर्फ्यू एक चीज नहीं है। दूसरी ओर कर्फ्यू लोगों को एक विशेष समय के लिए घर के अंदर रहने का आदेश देता है। इसलिए अधिकारी कुछ निश्चित समय के लिए कर्फ्यू लगा सकते हैं। समय इसमें काफी महत्वपूर्ण होता है। हालांकि यदि आवश्यक हो तो अधिक कर्फ्यू की अवधि को बढ़ा भी सकते हैं। यदि आप कर्फ्यू के दौरान बाहर निकलना चाहते हैं. तो आपको स्थानीय पुलिस से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है। कर्फ्यू के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है। मिगलानी का कहना है की धारा 144 से डरने की जरूरत नहीं है बस उसको समझने की जरुरत है ताकि लोग सतर्क रहे एक प्रकार से समाज को सुरक्षित रखने की व्यवस्था है ताकि कोई अराजक तत्व इसका दुरुपयोग न कर सके सतर्क रहे सुरक्षित रहे।


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