हरिद्वार। रामलीला समिति मौ.लक्कड़हारान द्वारा ज्वालापुर हरिद्वार में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन कथाव्यास वासुदेव महाराज ने राम,लक्ष्मण,भरत व शत्रुघ्न चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि धर्म का अर्थ भरत,काम का अर्थ लक्ष्मण,अर्थ का शत्रुघ्न तथा मोक्ष का अर्थ राम होता है। राम के साथ लक्ष्मण का मतलब काम के साथ मोक्ष और धर्म के साथ धन शोभा देते हैं। अधर्म से कमाया गया धन कभी भी धर्म पर खर्च नहीं करना चाहिए। मेहनत और ईमानदारी के कमाया धन ही ईश्वर को मान्य होता है। इस अवसर पर श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,रामलीला समिति के अध्यक्ष श्रीराम सरदार, मंत्री प्रदीप पत्थरवाले, नरेंद्र अधिकारी,नितिन अधिकारी,प्रदीप चाकलान,अनुराग लिब्बारेहडी,सुमित सरदार,दीपांकर चक्रपाणि, शिवांकर चक्रपाणि, शोभित खेड़ेवाले, उदित वशिष्ठ,आलोक चौहान,सत्यम अधिकारी, देवांश अधिकारी, हर्षित अधिकारी,तन्मय सरदार आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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