हरिद्वार। श्री रामलीला समिति मौ.लक्कड़हारान की और से ज्वालापुर में आयोजित श्रीराम कथा के आठवें दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए श्रद्धालुओं से नाम जप और गौ रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति घर में गाड़ी और गैराज तो बना रहा है। लेकिन गाय और गौशाला नहीं बना रहा है,जोकि बहुत बड़ी विडंबना है। अवसर पर श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के स्वामी गोविन्ददास महाराज,भागवताचार्य देवेन्द्र कृष्ण आचार्य ने भी श्रद्धालुओं को आशीवर्चन प्रदान किए। समिति के अध्यक्ष श्रीराम सरदार,मंत्री प्रदीप पत्थरवाले,संयोजक प्रवीण मल्ल,प्रबंधक नितिन अधिकारी,नरेन्द्र अधिकारी,आशुतोष चक्र पाणि,अरुण भक्त,दिपांकर चक्रपाणि,शिवांकर चक्रपाणि,शोभित खेड़ेवाले,उदित वशिष्ठ,सत्यम अधिकारी,गोविंद मल्ल, शांतनु सरायवाले,हर्षित अधिकारी आदि ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। राहुल श्रोत्रिय ने सपरिवार भगवत पूजन किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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