हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने 101 कन्याओं का पूजन कर नवरात्र व्रत का पारायण किया। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी को राम नवमी की बधाई भी दी और कहा कि पांच सौ वर्षो के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इसलिए इस बार राम नवमी बेहद खास है। भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर सनातन संस्कृति का प्रमुख केंद्र है और पूरे विश्व को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित कर रहा है। सभी को भगवान श्रीराम के आदर्शो को आत्मसात कर आर्दश समाज के निर्माण में सहयोग करना चाहिए। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र के अवसर पर लोक कल्याण के लिए श्री दक्षिण काली मंदिर में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। मां भगवती की कृपा से पूरे विश्व का कल्याण होगा। सभी का जीवन मंगलमय होगा और देश में समृद्धि आएगी। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,आचार्य पवन दत्त मिश्र सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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