हरिद्वार। मां गंगा जन्मोत्सव सेवा संघ के तत्वावधान में 14मई सप्तमी को गंगा जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर हिमालय डिपो वाली गली स्थित श्री गुरू सेवक उछाली आश्रम से बैंड बाजों व ढोल नगाड़ों के साथ मां गंगा की पालकी निकाली जाएगी। मां गंगा जन्मोत्सव सेवा संघ के अध्यक्ष विशाल गोस्वामी ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां गंगा जन्मोत्सव शोभा यात्रा भव्य रूप से निकाली जाएगी। जिसमें कई संत महंत और गणमान्य लोग शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि गंगा पूजन के लिए गंगा सप्तमी का पर्व बहुत ही शुभ माना गया है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथी मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए प्रति वर्ष इस दिन को गंगा जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। संस्था के महामंत्री आशीष गौड़ व मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मा के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था। पतित पावनी, मोक्षदायिनी मां गंगा हिमालय से निकली केवल एक सामान्य जलधारा नहीं है। बल्कि भारतीय सांस्कृतिक वैभव, श्रद्धा एवं आस्था की प्रतीक मानी जाती हैं। सदियों से भारतीय समाज के हर वर्ग और समुदाय ने इसे अपनी भावनात्मक आस्थाओं का प्रतीक मानकर वंदना की है। भारतवर्ष के विशाल जनसमुदाय ने ममतामयी मां के रूप में गंगा को एक विशिष्ट मान्यता दी है। भारत ही नहीं पूरे संसार में किसी अन्य जलधारा को इतना महत्व और प्रतिष्ठा नहीं मिली है। जितनी गंगा को युगों-युगों से प्राप्त होती रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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