2027 में अर्द्धकुंभ को पूर्ण कुंभ के रूप में भव्य और दिव्य रूप से आयोजित किया जाएगा -श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार। प्रयागराज महाकुंभ संपन्न होने के बाद वापस लौटी तपोनिधि श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के रमता पंचों की जमात का शुक्रवार को हरिद्वार पहुंचने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज के संयोजन में हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया।रेलवे स्टेशन पर स्वागत के बाद रमता पंचों और जमात में शामिल सभी संतों को शोभायात्रा के रूप में अखाडे ले जाया गया।इस दौरान शिवमूर्ति व तुलसी चौक पर भाजपा नेता राकेश गोयल,विमल ध्यानी,अनिल मिश्रा,भोला शर्मा,प्रो.सुनील बत्रा,वैभव शर्मा,पंडित अधीर कौशिक सहित सैकड़ों श्रद्धालुजनों ने पुष्पवर्षा कर संतों का जोरदार स्वागत किया।अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि अखाड़े की परंपरा के अनुसार प्रयागराज में महाकुंभ मेला संपन्न होने के बाद सभी संत काशी जाते हैं।काशी में अखाड़े के पदाधिकारियों के चुनाव सहित कई धार्मिक आयोजन किए जाते हैं।एक महीना काशी में रहने और होली मनाने के बाद संत वापस लौटते हैं।उन्होंने कहा कि हरिद्वार में 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ को पूर्ण कुंभ की तर्ज पर भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। अखाड़ों की पेशवाई निकलेंगी और सभी अखाड़े शाही स्नान करेंगे। इसको लेकर अखाड़ों से विचार विमर्श शुरू कर दिया गया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी दो बार वार्ता हो चुकी है,जिसमें मुख्यमंत्री ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।उन्होंने कहा कि 2021 में कोरोना प्रतिबंधों के चलते हरिद्वार महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता में जो कमी रह गयी थी। 2027 में हरिद्वार कुंभ को प्रयागराज महाकुंभ की तर्ज पर पूरी भव्यता और दिव्यता से आयोजित कर उस कमी को पूरा किया जाएगा।श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में जिस प्रकार की व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं और अखाड़ों को दी। उसी प्रकार हरिद्वार महाकुंभ में भी बेहतर व्यवस्थाएं और सुविधाएं श्रद्धालु भक्तों और संत समाज को मिलेंगी।महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला सनातन गौरव का प्रतीक है।हरिद्वार कुंभ मेले के भव्य आयोजन से सनातन की कीर्ति और बढ़ेगी।इस अवसर पर श्रीमहंत नीलकंठ गिरी,श्रीमहंत प्रकाश पुरी,श्रीमहंत रामचरण गिरी,श्रीमहंत हरगोविंद पुरी, श्रीमहंत धनंजय भारती,श्रीमहंत राजगिरी,श्रीमहंत राकेश गिरी,उपमहंत दिगम्बर गंगा गिरी ,दिगम्बर सतीश वन,दिगम्बर राधेश्याम पुरी, दिगम्बर अर्जुन पुरी,दिगम्बर सुखदेव गिरी,दिगम्बर पंकज गिरी,दिगम्बर प्रभात गिरी,दिगम्बर सोम गिरी,दिगम्बर उमेश गिरी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
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