हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वावधान में श्रीराधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा का श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उपनिषदों और श्रीमद्भागवतकथा में मानव जीवन का पूरा सार लिखा हुआ है।उन्होंने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी की खोज अब हो रही है।जबकि पुराणों और कथाओं में हजारों वर्ष पहले ही छद्दम वेश और क्लोन तक की कथाओं के प्रमाण मिलते हैं। पौराणिक ग्रंथों में इस ब्रह्मांड के सारे सूत्र लिखित हैं। नक्षत्रों से लेकर अक्षांशो तक का विवरण हिन्दुओं की धार्मिक पुस्तकों में लिखित है। हमारा पौराणिक इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है। शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति भागवत कथा के सार को अपने जीवन में उतार लेता है,उसका जीवन आनंदित हो जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को यदि जीवन में आनंद,सुख,सम्पन्नता चाहिए तो मन के अंदर के विकारों का त्याग करना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार आदि मानवीय विकृतियों से परे सुख,शांति,समृद्धि,सहयोग एवं सद्कर्म के मार्ग पर चलने के लिए तटस्थ करती है।जब तक मनुष्य आत्मीय विकारों की पोटली भगवान को सौंपते नही हैं।तब तक परमात्मा भी हमें संपन्न और संपूर्ण नहीं बना सकते हैं। मुख्य यजमान भागवत परिवार सचिव चिराग अरोड़ा,सोनिया गुप्ता,किशोर गुप्ता,किरन शर्मा,भारत भूषण शर्मा,रेनू शर्मा,आशीष शर्मा, शिमला उपाध्याय,रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,रिंकू शर्मा,हर्ष ब्रह्म,शिमा पाराशर,वीना धवन,वंदना अरोड़ा ,दीपिका सचदेवा,रीना जोशी,मोनिका विश्नोई,सारिका जोशी,सोनम पाराशर,रोजी अरोड़ा, सोनिया गुप्ता,श्वेता तनेजा,शालू आहूजा,अल्पना शर्मा,नीरू सचदेवा,पंडित हेमंत कला,पूनम, राजकुमार,धीरज शर्मा,दीप्ति भारद्वाज,मनोज भारद्वाज, रेनू अरोड़ा आदि ने भागवत पूजन किया।
हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वावधान में श्रीराधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा का श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उपनिषदों और श्रीमद्भागवतकथा में मानव जीवन का पूरा सार लिखा हुआ है।उन्होंने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी की खोज अब हो रही है।जबकि पुराणों और कथाओं में हजारों वर्ष पहले ही छद्दम वेश और क्लोन तक की कथाओं के प्रमाण मिलते हैं। पौराणिक ग्रंथों में इस ब्रह्मांड के सारे सूत्र लिखित हैं। नक्षत्रों से लेकर अक्षांशो तक का विवरण हिन्दुओं की धार्मिक पुस्तकों में लिखित है। हमारा पौराणिक इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है। शास्त्री ने कहा कि जो व्यक्ति भागवत कथा के सार को अपने जीवन में उतार लेता है,उसका जीवन आनंदित हो जाता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को यदि जीवन में आनंद,सुख,सम्पन्नता चाहिए तो मन के अंदर के विकारों का त्याग करना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार आदि मानवीय विकृतियों से परे सुख,शांति,समृद्धि,सहयोग एवं सद्कर्म के मार्ग पर चलने के लिए तटस्थ करती है।जब तक मनुष्य आत्मीय विकारों की पोटली भगवान को सौंपते नही हैं।तब तक परमात्मा भी हमें संपन्न और संपूर्ण नहीं बना सकते हैं। मुख्य यजमान भागवत परिवार सचिव चिराग अरोड़ा,सोनिया गुप्ता,किशोर गुप्ता,किरन शर्मा,भारत भूषण शर्मा,रेनू शर्मा,आशीष शर्मा, शिमला उपाध्याय,रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,रिंकू शर्मा,हर्ष ब्रह्म,शिमा पाराशर,वीना धवन,वंदना अरोड़ा ,दीपिका सचदेवा,रीना जोशी,मोनिका विश्नोई,सारिका जोशी,सोनम पाराशर,रोजी अरोड़ा, सोनिया गुप्ता,श्वेता तनेजा,शालू आहूजा,अल्पना शर्मा,नीरू सचदेवा,पंडित हेमंत कला,पूनम, राजकुमार,धीरज शर्मा,दीप्ति भारद्वाज,मनोज भारद्वाज, रेनू अरोड़ा आदि ने भागवत पूजन किया।
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