हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक निरंतर पूर्ण विधि विधान से मां भगवती की आराधना करने से साधक का उद्धार होता है। श्री दक्षिण काली मंदिर में प्रथम नवरात्र पूजन के दौरान श्रद्धालु भक्तों नवरात्रों के दौरान देवी भगवती की आराधना का महत्व बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि वर्ष में दो बार आने वाले नवरात्र देवी भगवती की कृपा प्राप्त करने का सबसे उपयुक्त अवसर हैं। नौ दिनों तक की गयी आराधना व पूजा अर्चना से प्रसन्न होकर मां भगवती साधक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। मां भगवती की कृपा प्राप्त करने के लिए सभी को नवरात्र आराधना अवश्य करनी चाहिए। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताय कि पूज्य गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में नवरात्र में प्रतिदिन देवी भवगती के अलग-अलग रूपों की विशेष साधना की जाएगी।इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी,आचार्य पंडित पवन शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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