हरिद्वार।श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के पूर्व कोठारी महंत गोपाल सिंह महाराज की अस्थियां आज सतीघाट कनखल में वैदिक विधि विधान के साथ विसर्जित की गई।उनके दो शिष्य महंत सुखचैन सिंह ज्ञानी और महंत जैल सिंह शास्त्री ने संयुक्त रूप से गंगा में विसर्जित की। उनकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने से पूर्व उनके स्थान निर्मल अखाड़ा महंत मूलसिंह संत एवेन्यू जीटी रोड अमृतसर से कनखल स्थित श्रीनिर्मल संतपुरा आश्रम लाया गया। जहां श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की अरदास के साथ आश्रम के परमाध्यक्ष महंत जगजीत सिंह शास्त्री और संत मनजीत सिंह महाराज ने आश्रम की ओर से उनके अस्ति कलश पर शाल और माला चढ़ाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर महंत अमरीक सिंह,महंत मोहन सिंह ,महंत जीत सिंह,महंत गुरमीत सिंह,महंत हर्षवर्धन सिह,महंत भूपेंद्र सिंह,संत भरत सिंह ,महंत डॉ.सतपाल सिंह श्रीनिर्मल पंचायती अखाड़ा कनखल की ओर से संत लड्डू सिंह महाराज आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की।पूर्व कोठारी महंत गोपाल सिंह महाराज का 5 मार्च को अपने अमृतसर स्थित आश्रम में 84वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था। उनका अस्थि कलश शोभायात्रा के रूप में श्रीनिर्मल संतपुरा कनखल से सतीघाट स्थित तीजी पात शाही गुरुद्वारा गुरु अमर दास जी के तप स्थान लाया गया।जहां पर गुरुद्वारा की ग्रंथी देवेंदर सिंह ने अरदास की और और वहां से सतीघाट में गंगा में अस्थि अवशेष विसर्जित किए गए।गंगा घाट पर कर्मकांड महंत गोपाल सिंह महाराज के तीर्थ पुरोहित पंडित नीरज कुमार त्रिपाठी और वैभव शर्मा शिवपुरी ने संपन्न कराया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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