हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी के जन्मशताब्दी वर्ष को ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा वृक्ष सुरक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।इस दौरान आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत 24 से 30 मार्च तक वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाते हुए पूरे उत्तराखंड में चिपको चेतना यात्रा का संचालन निकाली जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी 24 मार्च को चमोली जनपद के जोशीमठ के निकट रैली गांव में स्थित चिपको स्मृति स्थल से हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना करेंगी। यात्रा का समापन 30मार्च को ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में होगा। शनिवार को प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने बताया कि सात दिन में उत्तराखंड के सभी 13जिलों में चिपको संदेश प्रसारित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या वर्तमान की एक गंभीर चुनौती बन गई है।जिसका सामना हरित क्षेत्र में अधिकाधिक वृद्धि करके और जंगलों को सुरक्षित रखकर ही किया जा सकता है।सिर साटे रुख बचे तो भी सस्तौ जान का मर्म समझाने वाली माता अमृतादेवी विश्नोई के सूत्रवाक्य को अपनाकर चिपको आंदोलन को जन्म देने वाली माता गौरा देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2025 को वृक्ष सुरक्षा वर्ष के रूप में मान्यता देकर देश दुनिया में वृक्ष संरक्षण की मुहिम को यादगार बनाने की पुरजोर मांग भारतीय वृक्ष न्यास कर रहा है। चिपको चेतना यात्रा का उद्देश्य पेड़ बचाने वाले उस चिपको जनांदोलन की आमजन मानस को याद आए। जब जंगल को अपना मायका मानने वाली महिलाओं ने जान की परवाह किए बिना पेड़ों से लिपटकर उनकी रक्षा की थी। चिपको चेतना यात्रा के समन्वयक केदार जोशी ने यात्रा प्रवासों की जानकारी देते हुए बताया कि 24 मार्च को रैणी गांव तपोवन से शुरू होकर यात्रा गोपेश्वर में रात्रि प्रवास करेगी। 25मार्च को चंपावत, 26मार्च रुद्रपुर, 27मार्च को श्रीनगर,28को उत्तरकाशी तथा 29को हरिद्वार पहुंचेगी। डा.अर्चना ने सहयोगी संस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आयोजित यात्रा अभियान में उत्तरांचल उत्थान परिषद,लोक भारती तथा पर्यावरण गतिविधि के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित चिपको चेतना यात्रा में युवा संत समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि युवा संत समाज भी यात्रा में बढ़चढ़ कर भाग लेगा। टीटीआई के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा ने बताया कि दस व्यक्तियों का यात्रादल वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के तहत पूरे उत्तराखंड में 18अलग अलग स्थानों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा ,जिनमें रैनी तपोवन,जोशीमठ,गोपेश्वर,बागेश्वर,चंपावत,पिथौरागढ़,अल्मोड़ा,हल्द्वानी,रुद्रपुर,श्रीनगर,रुद्रप्रयाग ,टिहरी,उत्तरकाशी, मसूरी,देहरादून,हरिद्वार तथा ऋषिकेश आदि प्रमुख होंगे। प्रैसवार्ता में स्वामी रविदेव शास्त्री,विनोद मित्तल,प्रमोद शर्मा,ओपी सिंह,एसएस राणा,विश्वास सक्सेना ,राकेश अरोड़ा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी के जन्मशताब्दी वर्ष को ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा वृक्ष सुरक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।इस दौरान आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत 24 से 30 मार्च तक वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाते हुए पूरे उत्तराखंड में चिपको चेतना यात्रा का संचालन निकाली जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी 24 मार्च को चमोली जनपद के जोशीमठ के निकट रैली गांव में स्थित चिपको स्मृति स्थल से हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना करेंगी। यात्रा का समापन 30मार्च को ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में होगा। शनिवार को प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने बताया कि सात दिन में उत्तराखंड के सभी 13जिलों में चिपको संदेश प्रसारित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या वर्तमान की एक गंभीर चुनौती बन गई है।जिसका सामना हरित क्षेत्र में अधिकाधिक वृद्धि करके और जंगलों को सुरक्षित रखकर ही किया जा सकता है।सिर साटे रुख बचे तो भी सस्तौ जान का मर्म समझाने वाली माता अमृतादेवी विश्नोई के सूत्रवाक्य को अपनाकर चिपको आंदोलन को जन्म देने वाली माता गौरा देवी के जन्म शताब्दी वर्ष 2025 को वृक्ष सुरक्षा वर्ष के रूप में मान्यता देकर देश दुनिया में वृक्ष संरक्षण की मुहिम को यादगार बनाने की पुरजोर मांग भारतीय वृक्ष न्यास कर रहा है। चिपको चेतना यात्रा का उद्देश्य पेड़ बचाने वाले उस चिपको जनांदोलन की आमजन मानस को याद आए। जब जंगल को अपना मायका मानने वाली महिलाओं ने जान की परवाह किए बिना पेड़ों से लिपटकर उनकी रक्षा की थी। चिपको चेतना यात्रा के समन्वयक केदार जोशी ने यात्रा प्रवासों की जानकारी देते हुए बताया कि 24 मार्च को रैणी गांव तपोवन से शुरू होकर यात्रा गोपेश्वर में रात्रि प्रवास करेगी। 25मार्च को चंपावत, 26मार्च रुद्रपुर, 27मार्च को श्रीनगर,28को उत्तरकाशी तथा 29को हरिद्वार पहुंचेगी। डा.अर्चना ने सहयोगी संस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आयोजित यात्रा अभियान में उत्तरांचल उत्थान परिषद,लोक भारती तथा पर्यावरण गतिविधि के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित चिपको चेतना यात्रा में युवा संत समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि युवा संत समाज भी यात्रा में बढ़चढ़ कर भाग लेगा। टीटीआई के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा ने बताया कि दस व्यक्तियों का यात्रादल वृक्ष सुरक्षा सप्ताह के तहत पूरे उत्तराखंड में 18अलग अलग स्थानों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा ,जिनमें रैनी तपोवन,जोशीमठ,गोपेश्वर,बागेश्वर,चंपावत,पिथौरागढ़,अल्मोड़ा,हल्द्वानी,रुद्रपुर,श्रीनगर,रुद्रप्रयाग ,टिहरी,उत्तरकाशी, मसूरी,देहरादून,हरिद्वार तथा ऋषिकेश आदि प्रमुख होंगे। प्रैसवार्ता में स्वामी रविदेव शास्त्री,विनोद मित्तल,प्रमोद शर्मा,ओपी सिंह,एसएस राणा,विश्वास सक्सेना ,राकेश अरोड़ा आदि शामिल रहे।
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