हरिद्वार। नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) ने टर्की की राजधानी अंकारा में लेबर डिजिटाइलेजशन एवं सोशल जस्टिस विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के विनियमन की पुरज़ोर मांग की है। एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भेल हैवी इलेक्ट्रॉनिक वर्कर ट्रेड यूनियन के महामंत्री विकास सिंह ने बताया कि सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एनएफआईटीयू के महासचिव डा.विराट जायसवाल ने डिजिटल युग में श्रमिकों की सुरक्षा, सामाजिक न्याय और संगठनात्मक विविधता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सशक्त और नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। सम्मेलन के दौरान डा.जायसवाल ने तुर्की के श्रम और सामाजिक सुरक्षा मंत्री प्रो.डा.वेदांत ईशिकहान एवं मेमूर-सेन कॉन्फ़ेडरेशन के अध्यक्ष अली यालचिन से शिष्टाचार भेंट की।उन्होंने वैश्विक स्तर पर बदलते श्रम परिदृश्य,एआई और डिजिटल परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों और सामाजिक न्याय की दिशा में वैश्विक साझेदारी की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने एनएफआईटीयू और कॉन्सेंट की गतिविधियों और भारत में श्रमिक अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु चल रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। विकास सिंह ने बताय कि डा.जायसवाल ने अपने भाषण में कहा, हम ऐसे दौर में हैं जहां तकनीकी नवाचार श्रम की प्रकृति को मूल रूप से बदल रहा है। ऐसे में यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि कोई भी श्रमिक पीछे न छूटे। त्रिपक्षीय संवाद को वैश्विक नीति निर्माण की मूलधारा में लाना आवश्यक है ताकि सामाजिक न्याय,कौशल विकास और गिग व प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए ठोस समाधान निकाले जा सकें।उन्होंने एनएफआईटीयू की ओर से एक वैश्विक संगठनात्मक एकता परिषद के गठन का प्रस्ताव भी रखा,जो विचारधारा,क्षेत्र और संगठनात्मक सीमाओं से ऊपर उठकर वैश्विक श्रमिक एकता का मार्ग प्रशस्त कर सके।भारत की ओर से एनएफआईटीयू ने भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के नेतृत्व में और कॉन्सेंट के संयोजक के रूप में इस सम्मेलन में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाई।यह सम्मेलन मेमूर-सेन कॉन्फ़ेडरेशन,टर्की द्वारा आयोजित किया गया,जिसमें 36देशों से 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान डा.जायसवाल ने यूरोप और मिडिल ईस्ट के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की और निकट भविष्य में एनएफआईटीयू के साथ संयुक्त प्रयासों पर सकारात्मक चर्चा की।भारतीय प्रतिनिधिमंडल में बीएमएस के केंद्रीय महासचिव रविंद्र हिमते,संगठन मंत्री बी.सुरेन्द्रन, परिवहन विभाग से वल्लभभाई वचानी,कोल इंडस्ट्री से संजय सिंह,तथा टीयूसीसी से एस.पी. तिवारी शामिल रहे।विकास सिंह ने बताया कि एनएफआईटीयू के नेतृत्व में भारतीय ट्रेड यूनियन आंदोलन वैश्विक मंचों पर दूरदर्शिता,प्रतिबद्धता और समावेशी दृष्टिकोण के साथ मजबूती से खड़ा है। एनएफआईटीयू का स्पष्ट संदेश है कि तकनीकी प्रगति के साथ सामाजिक न्याय, गरिमा और श्रमिक अधिकारों की रक्षा अनिवार्य है। हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां हर श्रमिक को उसका सम्मान और अवसर मिले।
हरिद्वार। नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (एनएफआईटीयू) ने टर्की की राजधानी अंकारा में लेबर डिजिटाइलेजशन एवं सोशल जस्टिस विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के विनियमन की पुरज़ोर मांग की है। एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भेल हैवी इलेक्ट्रॉनिक वर्कर ट्रेड यूनियन के महामंत्री विकास सिंह ने बताया कि सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एनएफआईटीयू के महासचिव डा.विराट जायसवाल ने डिजिटल युग में श्रमिकों की सुरक्षा, सामाजिक न्याय और संगठनात्मक विविधता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सशक्त और नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। सम्मेलन के दौरान डा.जायसवाल ने तुर्की के श्रम और सामाजिक सुरक्षा मंत्री प्रो.डा.वेदांत ईशिकहान एवं मेमूर-सेन कॉन्फ़ेडरेशन के अध्यक्ष अली यालचिन से शिष्टाचार भेंट की।उन्होंने वैश्विक स्तर पर बदलते श्रम परिदृश्य,एआई और डिजिटल परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों और सामाजिक न्याय की दिशा में वैश्विक साझेदारी की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने एनएफआईटीयू और कॉन्सेंट की गतिविधियों और भारत में श्रमिक अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु चल रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। विकास सिंह ने बताय कि डा.जायसवाल ने अपने भाषण में कहा, हम ऐसे दौर में हैं जहां तकनीकी नवाचार श्रम की प्रकृति को मूल रूप से बदल रहा है। ऐसे में यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि कोई भी श्रमिक पीछे न छूटे। त्रिपक्षीय संवाद को वैश्विक नीति निर्माण की मूलधारा में लाना आवश्यक है ताकि सामाजिक न्याय,कौशल विकास और गिग व प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए ठोस समाधान निकाले जा सकें।उन्होंने एनएफआईटीयू की ओर से एक वैश्विक संगठनात्मक एकता परिषद के गठन का प्रस्ताव भी रखा,जो विचारधारा,क्षेत्र और संगठनात्मक सीमाओं से ऊपर उठकर वैश्विक श्रमिक एकता का मार्ग प्रशस्त कर सके।भारत की ओर से एनएफआईटीयू ने भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के नेतृत्व में और कॉन्सेंट के संयोजक के रूप में इस सम्मेलन में सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाई।यह सम्मेलन मेमूर-सेन कॉन्फ़ेडरेशन,टर्की द्वारा आयोजित किया गया,जिसमें 36देशों से 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान डा.जायसवाल ने यूरोप और मिडिल ईस्ट के कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाक़ात की और निकट भविष्य में एनएफआईटीयू के साथ संयुक्त प्रयासों पर सकारात्मक चर्चा की।भारतीय प्रतिनिधिमंडल में बीएमएस के केंद्रीय महासचिव रविंद्र हिमते,संगठन मंत्री बी.सुरेन्द्रन, परिवहन विभाग से वल्लभभाई वचानी,कोल इंडस्ट्री से संजय सिंह,तथा टीयूसीसी से एस.पी. तिवारी शामिल रहे।विकास सिंह ने बताया कि एनएफआईटीयू के नेतृत्व में भारतीय ट्रेड यूनियन आंदोलन वैश्विक मंचों पर दूरदर्शिता,प्रतिबद्धता और समावेशी दृष्टिकोण के साथ मजबूती से खड़ा है। एनएफआईटीयू का स्पष्ट संदेश है कि तकनीकी प्रगति के साथ सामाजिक न्याय, गरिमा और श्रमिक अधिकारों की रक्षा अनिवार्य है। हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां हर श्रमिक को उसका सम्मान और अवसर मिले।
Comments
Post a Comment