हरिद्वार। पतंजलि समूह की प्रौद्योगिकी शाखा भरुवा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (बीएसपीएल) ने एआई संचालित, बहुभाषी (द्विभाषी) 3समावेशी और अनुपालन तकनीक के साथ सशक्त बनाकर डिजिटल बैंकिंग में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भरुवा का अत्याधुनिक सीबीएस प्लेटफॉर्म (बी-बैंकिंग) चार महत्वपूर्ण चुनौतियों भाषा समावेशिता,सुरक्षा,प्रक्रिया दक्षता और विनियामक का समाधान करने के उद्देश्य से बनाया गया है,जो लंबे समय से भारत के बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और समावेशिता में बाधा बन रही हैं।बीएसपीएल का द्विभाषी समाधान बैंकों को अंग्रेजी और उनकी स्थानीय भाषा दोनों में ग्राहकों की सेवा करने की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लेटफ़ॉर्म में डेटा, लेन-देन और डिजिटल इंटरैक्शन के लिए व्यापक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक एआई और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं। इस बैंकिंग सिस्टम को एंड-टू-एंड बैंकिंग परिवर्तन के लिए डिज़ाइन किया गया है,सिस्टम में एपीआई बैंकिंग,एमआईएस, एचआर एमएस,ईआरपी मॉड्यूल,एएमल टूल और निर्बाध संचालन और अनुपालन के लिए वर्कफ़्लो ऑटोमेशन सहित मजबूत क्षमताएँ हैं।आधिकारिक भाषा अधिनियम,1963 और सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों के साथ पूरी तरह से संरेखित,यह समाधान वित्तीय संस्थानों में द्विभाषी सॉफ़्टवेयर के लिए सरकारी आदेशों के अनुपालन को सुनिश्चित करता है। पतंजलि समूह के संस्थापक और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि भारत कई भाषाओं वाला देश है,फिर भी हमारा बैंकिंग बुनियादी ढांचा मुख्य रूप से अंग्रेजी में संचालित होता है।जिससे बहुसंख्यक अलग-थलग पड़ जाते हैं।भरुवा सॉल्यूशंस एक परिवर्तनकारी उत्पाद लॉन्च कर रहा है जो तकनीकी रूप से बेहतर,कार्यात्मक रूप से व्यापक और भाषाई रूप से समावेशी है,जो आधिकारिक भाषा अधिनियम 1963 के साथ संरेखित है। इसस ग्रामीण,अर्ध-शहरी,सहकारी और छोटे वित्त संस्थानों को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के समान तकनीक तक पहुँच मिलेगी। इस विजन को साकार करने के लिए, भरुवा सॉल्यूशंस ने द्विभाषी बैंकिंग क्षेत्र की अनुभवी कंपनी नेचुरल सपोर्ट कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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