हरिद्वार। श्रीनिर्मल संस्कृत महाविद्यालय में पूर्व मध्यमा से आचार्य पर्यन्त नये प्रविष्ट छात्रों/ ब्रह्मचारियों का प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सचिव,उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद्,देहरादून/सचिव,उत्तराखंड संस्कृत अकादमी,हरिद्वार तथा सहायक निदेशक,संस्कृत शिक्षा,हरिद्वार के पदों को अलंकृत करने वाले डॉ.वाजश्रवा आर्य की गरिमामयी उपस्थित ने कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया।उन्होंने कहा कि अग्नि को साक्षात् मानकर नये उत्सव मनाना हमारी प्राचीन परंपरा रही है। इस उत्सव का भी प्रारंभ यज्ञ द्वारा किया गया। इसमें विशेष रूप से पुरुष सूक्त के सस्वर मन्त्रोंच्चारण द्वारा आहुतियां प्रदान की गयी। जिससे वातावरण में सकारात्मक उर्जा,उत्साह तथा निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। प्रवेशोत्सव पर मुख्य अतिथि ने छात्रों को शिक्षा का महत्व तथा उसकी प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ संकल्प की आवश्यकता पर जोर दिया। मां सरस्वती के इस उपासना अवसर पर सभी छात्रों ने इस विषय को गम्भीरता से सुना।तत्पश्चात् छात्रों को मुख्य अतिथि द्वारा बैग,पाठ्य पुस्तकें, कॉपी,पैन तथा गीता वितरित की गयीं।इस कार्यक्रम में प्राचार्य के अतिरिक्त डॉ.रवीन्द्र कुमार,दिवाकर गौड़,डॉ.जीवन आर्य,अभिभावक गण तथा समस्त विद्यार्थी गण उपस्थित थे।
हरिद्वार। श्रीनिर्मल संस्कृत महाविद्यालय में पूर्व मध्यमा से आचार्य पर्यन्त नये प्रविष्ट छात्रों/ ब्रह्मचारियों का प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सचिव,उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद्,देहरादून/सचिव,उत्तराखंड संस्कृत अकादमी,हरिद्वार तथा सहायक निदेशक,संस्कृत शिक्षा,हरिद्वार के पदों को अलंकृत करने वाले डॉ.वाजश्रवा आर्य की गरिमामयी उपस्थित ने कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया।उन्होंने कहा कि अग्नि को साक्षात् मानकर नये उत्सव मनाना हमारी प्राचीन परंपरा रही है। इस उत्सव का भी प्रारंभ यज्ञ द्वारा किया गया। इसमें विशेष रूप से पुरुष सूक्त के सस्वर मन्त्रोंच्चारण द्वारा आहुतियां प्रदान की गयी। जिससे वातावरण में सकारात्मक उर्जा,उत्साह तथा निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। प्रवेशोत्सव पर मुख्य अतिथि ने छात्रों को शिक्षा का महत्व तथा उसकी प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ संकल्प की आवश्यकता पर जोर दिया। मां सरस्वती के इस उपासना अवसर पर सभी छात्रों ने इस विषय को गम्भीरता से सुना।तत्पश्चात् छात्रों को मुख्य अतिथि द्वारा बैग,पाठ्य पुस्तकें, कॉपी,पैन तथा गीता वितरित की गयीं।इस कार्यक्रम में प्राचार्य के अतिरिक्त डॉ.रवीन्द्र कुमार,दिवाकर गौड़,डॉ.जीवन आर्य,अभिभावक गण तथा समस्त विद्यार्थी गण उपस्थित थे।
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