हरिद्वार । नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने अवगत कराया कि सचिव, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग,हरिद्वार के पत्रांक-16 (एस) दिनांक 21अप्रैल,2025 एवं पत्रांक-19 दिनांक 25 अप्रैल, 2025 के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग के अन्तर्गत समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा-2024 (वस्तुनिष्ठ प्रकृति) 04 मई,2025 को पूर्वान्ह 11.00 बजे से अपरान्ह 01.00 बजे तक नगर हरिद्वार के निम्नांकित परीक्षा केन्द्रों में आयोजित की जानी है। परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा को नकल विहीन,सुव्यवस्थित,निर्विघ्न एवं शांति पूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से परीक्षा केन्द्रों के आस-पास 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू किये जाने की परिहार्यता हो सकती हैं। हरिद्वार नगर क्षेत्र के परीक्षा केन्द्र के आस-पास की 200मीटर की सीमा के अन्तर्गत जिला मजिस्टेªट हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्टेªट हरिद्वार अथवा मेरी पूर्वानुमति के बिना पंाच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और न ही जुलूस आदि निकालेंगे। आदेश परीक्षा को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने के दृष्टिगत तथा समय की उपलब्धता न होने के कारण सुनवाई का अवसर दिया जाना सम्भव नहीं है, जिस कारण मेरे द्वारा एक पक्षीय आदेश पारित किया जा रहा है। यह प्रतिबंध उपरोक्त 04.05.2025 में परीक्षा समाप्ति तक हरिद्वार नगर के उपरोक्त परीक्षा केन्द्र एवं उसके आस- पास की 200मीटर की परिधि के क्षेत्रान्तर्गत लागू होंगे, यह जिला मजिस्टेªट, हरिद्वार अथवा अपर जिला मजिस्ट्रेट, हरिद्वार अथवा नगर मजिस्ट्रेट द्वारा इससे पूर्व वापस न ले लिया जाये। इन आदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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