हरिद्वार।उत्तराखंड क्रांति दल के महानगर अध्यक्ष गोकुल सिंह रावत के संयोजन में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया।इस दौरान महानगर अध्यक्ष गोकुल सिंह रावत ने कहा कि अर्बन डेवलपमेंट अधिनियम 1973 के उद्देश्यों को शहर हित में लागू नहीं कराया जा रहा है। शहर की जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।अर्बन डेवलपमेंट का उद्देश्य शहर वासियों के लिए बिजली,पानी,सड़क,जल निकासी, पार्कों का निर्माण,स्वास्थ्य सेवाएं,अस्पताल,स्कूल सौंदर्यकरण एवं पर्यावरण संरक्षण के अलावा शहर वासियों को पार्किंग की सुविधा प्रदान की जाए।लेकिन हरिद्वार विकास प्राधिकरण मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।गोकुल सिंह रावत ने कहा कि पार्किंग नहीं होने और जलभराव के कारण लोगों को भारी दिक्कत और परेशानी झेलनी पड़ती है।गोकुल सिंह रावत ने कहा कि मानचित्र स्वीकृति कंपाउंडिंग आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को जनहित में लगाया जाए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा प्राधिकरण में चार पार्षदों को नामित करने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।पदेन सदस्यों की संख्या भी घटा दी गई है,जो कि गलत है। अर्बन डेवलपमेंट अधिनियम के उद्देश्यों को समान रूप से लागू ंकिया जाए। केंद्रीय उपाध्यक्ष सरिता पुरोहित एवं रवि जैन ने कहा कि शहर का विकास जनता के हितों में होना चाहिए।मूलभूत सुविधाएं क्षेत्र वासियों को मिले।विकास के नाम पर कोई भी बंदरबट नहीं होनी चाहिए।पार्किंग,जलभराव जैसी समस्याएं लोगों के समक्ष आ रही है। हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के विकास कार्यों में तेजी लायी जाए।जिससे क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्राप्त हो सके।इस दौरान यशोदा यादव,हेमलता जोशी ने भी विकास कार्यों में पारदर्शिता अपनाए जाने की मांग की।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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