महाराष्ट्र प्रांत के सौ से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएँ व अन्य शामिल
हरिद्वार।गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी एवं सिद्ध अखण्ड दीपक की शताब्दी वर्ष(2026)के अंतर्गत गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दो दिवसीय शिक्षक गरिमा शिविर का शुभारंभ हुआ।शिविर की शुरुआत देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति शरद पारधी व अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। शिविर में महाराष्ट्र प्रांत के १००से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएँ तथा गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ता उपस्थित हैं।शिविर के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति श्री पारधी ने कहा कि युवाओं के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए केवल शैक्षणिक ज्ञान पर्याप्त नहीं,बल्कि जीवन मूल्यों से युक्त विद्या भी अत्यंत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों के कंधों पर ही राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है,क्योंकि वही बच्चों के भविष्य को आकार देते हैं।उन्होंने समझदारी,ईमानदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी के साथ बच्चों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया।डॉ गोपाल शर्मा ने भारतीय संस्कृति और नई शिक्षा नीति पर विस्तार से जानकारी दी। सुधीर श्रीपाद ने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के संबंध में सृजनात्मक कार्य पर प्रकाश डाला।शिविर समन्वयक ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य देशभर के लाखों विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा जैसे माध्यमों से विद्यार्थियों को सनातन ज्ञान से जोड़ने के लिए प्रेरित करना है।इसी क्रम में यह विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है,जो शिक्षकों की संस्कृतिक भूमिका को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह क्रम आगे भी चलता रहेगा। शिविर में कुल बारह सत्र होंगे।
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